CG ये कैसी व्यवस्था? : 10 किलोमीटर तक कंधे पर लादकर मरीज को ले गए परिजन, गांव में एंबुलेंस जाने का भी नहीं रास्ता

जगदलपुर : स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार को लेकर आये दिन नई-नई योजनाओं के बारे में जानकारी दी जाती है, लेकिन जमीनी स्तर की बात करें तो आजादी के इतने वर्षों के बाद ग्रामीणों को आज तक लाइट के साथ ही सड़क के लिए भी तरसना पड़ रहा है। इन्हीं सब में अगर कोई ग्रामीण बीमार हो जाता है तो एंबुलेंस मिलना तक दूभर हो जाती है। ऐसे में परिवार के लोगों को कभी घाट, कभी झूला तो कभी अन्य माध्यमों से मरीजों को कई किमी का सफर तय करते हुए स्वास्थ्य केंद्र तक ले जाया जाता है।

ऐसा ही एक मामला दरभा थाना क्षेत्र में देखने को मिला, जहां मरीज को किसी भी प्रकार से कोई भी सुविधा नहीं मिलने के कारण उसे परिजनों के द्वारा बास में रस्सी बांधकर कंधे पर लादकर स्वास्थ्य केंद्र तक ले जाया गया। इस फोटो ने फिर से स्वास्थ्य सुविधाओं के जमीनी स्तर को दिखाया है। बताया जा रहा है कि बस्तर जिले के दरभा ब्लॉक के अंतर्गत आने वाला एलंगनार का इलाका आश्रित ग्राम कनकापाल के मालापारा तक सड़क नहीं होने से 10 किलोमीटर का लंबा सफर मरीज को कंधे में ढोकर चलने की मजबूरी दिखाता है।

गांव के लोगों को बिजली और पानी तो मिल जाता है, लेकिन एंबुलेंस के लिए कई किमी तक पैदल चलना पड़ता है। बात करें अगर सुविधा की तो खोटापदर गांव तक पहुंचने के बाद ही एंबुलेंस की सुविधा मिलने की बात कही जाती है। बताया जा रहा है कि उल्टी-दस्त और बुखार से पीड़ित चैतू राम नाग को उसके परिजन कंधे पर लादकर ले गए। चैतू राम के साथ ही कनकापाल के ही पदरपारा में उल्टी- दस्त का एक और मरीज को भी इसी तरह से कंधे पर लादकर ले जाया गया।ग्रामीणों का कहना है कि दरभा से नजदीक पड़ने वाले तोंगपाल के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पीड़ितों को उपचार के लिए ले जाना पड़ता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button