तेंदू फल से बनाई आइसक्रीम, मुख्यमंत्री ने आइसक्रीम चखकर स्वाद की सराहना की

रायपुर : प्रदेश में तेंदू के फल से आइसक्रीम बनाया जा रहा है,  फाल्गुन मंडई कार्यक्रम में पहुंचे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जिला प्रशासन दंतेवाड़ा के नवाचार पहल के तहत तेंदू फल से निर्मित आइसक्रीम का भी स्वाद लिया। मुख्यमंत्री ने उसके स्वाद की प्रशंसा करते हुए इसे एक सराहनीय पहल बताया। उल्लेखनीय है कि जिला प्रशासन, दन्तेवाड़ा के सहयोग से इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर के मार्गदर्शन में कृषि विज्ञान केन्द्र दन्तेवाड़ा द्वारा मौसमी तेंदू के फल से आइसक्रीम बनाने का कार्य किया जा रहा है।

तेंदू का पेड़ लघु वनोपज के श्रेणी में आता है। इसके पत्तियों को बीडी बनाने के उपयोग में लाया जाता है, जो कि बस्तर में हरा सोना के नाम से प्रचलित है। यह भारत के पूर्वी हिस्सों एवं मध्य भारत में बहुतायत में पाया जाता है। अभी तक व्यावसायिक रूप से इसके पत्तियों का उपयोग किया जाता रहा है व फल का उपयोग ग्रामीण जन अपने खाने में तथा उसी मौसम में लोकल बाजारों में ही बेच कर आय प्राप्त करते है।

ताजा पके फल को सुरक्षित रखने की अवधि बहुत कम होती है। अगर ताजे फल के गुदा को प्रसंस्करण कर माईनस 20-40 डिग्री सेल्सियस तापमान पर रखते है तो पूरे वर्ष भर तेन्दू फल का स्वाद लिया जा सकता है। जिसके तारतम्य में कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा तेंदू फल का प्रसंस्करण कर आइसक्रीम व तेन्दू शेक बनाने संबंधी नवाचार का कार्य प्रारंभ किया गया है।

तेन्दू फल में किये गये अनुसंधान के अनुसार तेन्दू फल एक प्रभावी एन्टीआक्सीडेंट, रेशे का अच्छा स्त्रोत, हृदय रोग के लिये लाभदायक तथा मधुमेह को नियंत्रित करने में सहायक है। साथ ही इस फल में पोटेशियम, कैल्शियम, फास्फोरस एवं अन्य खनिज तत्व अच्छी मात्रा में पायी जाती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button