Earthquake: भयानक हुई तुर्की और सीरिया में भूकंप की तस्वीर, 21000 से ज्यादा की मौत
अंकारा: तुर्की और सीरिया में सोमवार को आया भूकंप अब उस त्रासदी में बदल चुका है जिसे अगले कई दशकों तक भुलाया नहीं जा सकेगा। इस भूकंप में मारे जाने वाले लोगों का आंकड़ा 21,000 से भी ज्यादा हो गया है। तुर्की में कम से कम 17674 लोगों की मौत हुई है और सीरिया में अथॉरिटीज ने 3377 लोगों की मौत की जानकारी है। साल 1999 में तुर्की में जो भूकंप आया था उसमें करीब 17000 लोगों की जान गई थी। इसके साथ ही गुरुवार को अथॉरिटीज की ये उम्मीदें कि 72 घंटे बाद भी मलबे में कोई जिंदा होगा, कमजोर पड़ती जा रही हैं। तुर्की की जनता को धीमी गति से मिलने वाली सहायता से भी काफी निराशा और गुस्सा है।
घरों में जाने से डर रहे लोग
तुर्की और सीरिया दोनों ही जगहों पर ठंड ने भी मुश्किलें कई गुना बढ़ा दी हैं। लगातार तीसरा दिन है जब लोगों को खून जमा देने वाली ठंड में भी अपनी कारों में सोने को मजबूर होना पड़ रहा है। उनके घर तबाह हो गए हैं और अगर वो बच भी गए हैं तो उन्हें अंदर जाने में डर लग रहा है। सैंकड़ों हजारों लोग इस भयानक सर्दी में बेघर हो गए हैं। तुर्की के एक अधिकारी ने कहा कि देश इस समय बहुत ही परेशानियों से गुजर रहा है। 14 मई को यहां पर चुनाव होने हैं जिसमें राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन के लिए चुनौतियां काफी गंभीर हो सकती हैं। वह पिछले करीब दो दशकों से सत्ता में हैं।
एक साल के अंदर घर बनवाने का वादा
एर्दोगन ने वादा किया है कि वह एक साल के अंदर तबाह हुए हर घर का निर्माण करवाएंगे। इसके साथ ही साल 2016 में असफल तख्ता पलट के बाद अब देश में इमरजेंसी शक्तियों को प्रयोग किया गया है। तुर्की और सीरिया दोनों ही जगहों पर भूकंप के चौथे दिन बाद भी मलबे में बचे हुए लोगों की तलाश की जा रही है। हालांकि अब किसी के भी बचने की कोई संभावना किसी को नजर नहीं आ रही है। मलबे के अंदर दबे हुए लोगों के करीबी और परिवार वाले अभी तक मदद का इंतजार कर रहे हैं। कुछ लोग बेतहाशा रो रहे हैं तो कुछ शांत हैं।
सीरिया में भी पहुंची मदद
सीरिया की अगर बात करें तो यहां पद विद्रोहियों के कब्जे वाले उत्तर-पश्चिम इलाके में मदद लेकर संयुक्त राष्ट्र की टीम पहली बार दाखिल हुई है। लेकिन कुछ लोगों के अब इस मदद का कोई मोल नहीं है क्योंकि यह काफी देर से पहुंची है। इस क्षेत्र में असद सरकार की तरफ से नाकाबंदी की गई है। सीरिया में जो मदद पहुंची है वह तुर्की से लगे बब अल-हवा के रास्ते आई है। यह हिस्सा सीरिया के उत्तर-पश्चिम में है और सीरिया के सिविल डिफेंस रेस्क्यू वर्कर्स के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।