साइबर क्राइम गिरोह का पर्दाफाश : लोन के नाम पर खुलवाते थे बैंक खाते, 69 लाख की धोखाधड़ी

रायगढ़। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में पुलिस ने एक बड़े साइबर अपराध गिरोह का पर्दाफाश करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है।यह गिरोह साइबर ठगों को बैंक अकाउंट उपलब्ध कराकर ऑनलाइन फ्रॉड को अंजाम देता था।
इस गिरोह के सदस्य लोगों को लोन दिलाने का झांसा देकर उनके नाम से बैंक खाते खुलवाते थे और फिर इन खातों को साइबर अपराधियों को बेच देते थे। हर खाते के बदले गिरोह को 10 रुपये मिलते थे।
69 लाख रुपये से अधिक की धोखाधड़ी
पुलिस की जांच में सामने आया है कि, इन खतों के जरिए 69 लाख रुपये से अधिक की धोखाधड़ी की गई है। कार्रवाई के दौरान पुलिस ने 5 लाख 22 हजार रुपये होल्ड करवा लिए हैं। एसपी दिव्यांग पटेल के निर्देशन में साइबर सेल और कोतवाली पुलिस की संयुक्त टीम ने यह कार्रवाई की है। गिरफ्तार आरोपियों के नाम शिवजी चंद्रा और जितेंनद्र चंद्रा, निवासी सकती जिला बताए गए हैं। पुलिस ने उनके पास से मोबाइल और सिम कार्ड जब्त किए हैं।
फरार आरोपियों की तलाश जारी
दोनों आरोपियों को न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है, जबकि गिरोह के 5 अन्य सदस्य अभी फरार हैं, जिनकी तलाश में पुलिस की टीम दबिश दे रही है। यह मामला साइबर अपराधियों की बढ़ती गतिविधियों का बड़ा उदाहरण है और पुलिस की इस कार्रवाई से ऐसे गिरोहों पर नकेल कसने की दिशा में बड़ी सफलता मिली है।
ऑनलाइन गोल्ड इन्वेस्टमेंट के नाम ठगी
वहीं बिलासपुर से ऑनलाइन फाइनेंशियल फ्रॉड का बड़ा खुलासा हुआ हुआ था। सिविल लाइन थाना पुलिस और साइबर सेल की संयुक्त टीम ने 59 लाख 87 रुपये की ठगी करने वाले गिरोह को दबोच लिया है। तीन दिन लगातार मूवमेंट ट्रैक करने के बाद पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया।
ठगी का मास्टरमइंड दिल्ली का एक आईटी इंजिनियर
जानकारी के अनुसार, इस ठगी का मास्टरमइंड दिल्ली का एक आईटी इंजिनियर है, जो इंदौर से पूरे नेटवर्क को ऑपरेट कर रहा था। आरोपियों ने मेटावर्स सिक्योरिटी नाम की फर्जी कंपनी बनाकर गोल्ड निवेश के नाम पर लोगों को चूना लगाया था।
आरोपियों के कब्जे से ये सामान जब्त
पुलिस ने आरोपियों के पास से 4 मोबाइल फोन, 7 सिम कार्ड, 8 एटीएम कार्ड, 1 यूपीआई कार्ड, 2 पैन कार्ड और 2 पासबुक जब्त किया है। फिलहाल आरोपियों को ट्रांजिट रिमांड पर कोर्ट में पेश किया गया है और आगे की जांच जारी है।