गणेश जयंती पर विधि-विधान से करें बप्पा की पूजा, हर मनोकामना होगी पूरी

गणेश जयंती का पर्व सनातन धर्म में शुभ माना जाता है। इस दिन विधि-विधान से बप्पा की पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त व्रत भी रखा जाता है। इस त्योहार को लेकर सबसे ज्यादा उत्साह महाराष्ट्र में देखने को मिलता है। इस साल गणेश जयंती 13 फरवरी 2024, मंगलवार को पड़ रही है। आइए जानते हैं कि गणेश जयंती क्यों मनाई जाती है और इसका क्या महत्व है।

गणेश जयंती का इतिहास

गणेश जयंती माघ माह में मनाया जाने वाला एक लोकप्रिय त्योहार है। परंपराओं के अनुसार, गणेश चतुर्थी का दिन भगवान गणेश का जन्मदिन होता है। प्राचीन रीति-रिवाजों के अनुसार, गणेश जयंती के खास दिवस पर चंद्रमा के दर्शन नहीं करने चाहिए। अगर कोई इस दिन चंद्र दर्शन करता है, तो उसे कष्टों का सामना करना पड़ता है। पौराणिक कथाओं की मानें, तो एक बार चंद्र देव ने भगवान गणेश के रूप का मजाक उड़ाया था। इतना ही नहीं, उन्होंने अपने खूबसूरत रूप पर गर्व भी दिखाया।

इससे भगवान गणेश बहुत क्रोधित हुए और उन्होंने चंद्र देव को श्राप दिया कि कोई भी उनकी सुंदरता नहीं देख पाएगा, जिस पर उन्हें गर्व अहंकार है। इसे लेकर भगवान चंद्रमा बहुत परेशान हुए और उन्होंने विघ्नहर्ता से क्षमा मांगी।

तब भगवान गणेश ने कहा कि उनके लिए श्राप को वापस ले पाना असंभव होगा, लेकिन वे इसे बदल सकते हैं। भगवान गणेश ने चंद्र देव से कहा कि उन्हें 15 दिनों के लिए घटना होगा और अगले 15 दिनों के लिए बढ़ना होगा। इसके अलावा, यह सुनिश्चित किया जाए कि चंद्रमा को उसके पूर्ण रूप में केवल थोड़े समय के लिए ही देखा जा सके।

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