तांबे के लोटे पर क्यों बांधा जाता है कलावा, पढ़ें आखिर इसके क्या हैं लाभ

हिंदू धर्म में कलावे की बहुत मान्यता है। इसको रक्षा सूत्र के रूप में देखा जाता है। हिंदू धर्म में परंपरा है कि रक्षा सूत्र के रूप में कलावे को मनुष्य ही नहीं पेड़-पौधों को भी बांधा जाता है। तांवे के लोटे को भी कलावा बांधते हैं। ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने विस्तार से बताया है कि आखिर तांबे के लोटे पर कलावा क्यों बांधा जाता है।

तांबे के लोटे पर कलावा बांधने की वजह

हिंदू धर्म में माना गया है कि पूजा-पाठ में तांबे के लोटे का ही उपयोग करना चाहिए, क्योंकि यह बहुत ही शुद्ध होता है। शिवलिंग पर चल चढ़ाने के लिए भक्त तांबे के लोटे का ही उपयोग करते हैं। सूर्य को अर्घ्य भी तांबे के लोटे से देते हैं। घर में कोई भी पूजा हो इसका उपयोग ही किया जाता है।

हर पूजा में इसका उपयोग इसलिए ही किया जाता है, क्योंकि यह शुभ होता है। तांबा जितनी जल्दी शुद्ध होता है, उतनी ही जल्दी अशुद्ध भी हो जाता है। इसको पवित्र रखने के लिए इस पर कलावा बांधना चाहिए। यह उसकी शुद्धता को बनाए रखता है।

धर्म शास्त्र में बताया गया है कि आपके घर में अगर नकारात्मक वास है, तो तांबे के लोटे पर कलावा बांध लें। ऐसा करने पर उसमें नवग्रह का वास हो जाएगा। नवग्रह की शुभता से घर में नकारात्मक खत्म हो जाएगी। घर में सकारात्मकता का संचार होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button