‘वर्ल्ड वॉर 2’ के जरिए जीवन का सबक सिखाती है वरुण धवन-जाह्नवी कपूर की फिल्म

मुंबई : सिनेमा मनोरंजन के साथ अहम संदेश पहुंचाने का भी जरिया है। सिनेमा की ताकत से फिल्‍ममेकर नितेश तिवारी बखूबी वाकिफ है। यही वजह है कि चिल्‍लर पार्टी, दंगल और छिछोरे के बाद वह बवाल में मनोरंजन के साथ सार्थक संदेश देने में कामयाब रहे हैं।

क्या है बवाल की कहानी?

कहानी लखनऊ में हाई स्‍कूल में इतिहास के अध्‍यापक अज्‍जू भैया उर्फ अजय दीक्षित (वरूण धवन) और उनकी पत्‍नी निशा दीक्षित (जाह्नवी कपूर ) की है। अज्‍जू दिखावट की जिंदगी में भरोसा रखता है। अपनी छवि को चमकाने के लिए आसपास के लोगों से बहुत सारे झूठ बोल रखे हैं। वह हर किसी सभी को ज्ञान बांटते हैं, लेकिन बच्‍चों को पढ़ाने में मन नहीं लगता।

उनके आसपास के लोग उनसे प्रभावित हैं, लेकिन असल में अज्‍जू खुद से काफी निराश हैं। अपने दोस्‍त बिपिन (प्रतीक पचौरी) के साथ वह अपनी सच्‍चाई को कई बार स्‍वीकार करता है। निशा और अज्‍जू के बीच पति-पत्‍नी जैसे संबंध नहीं हैं। उसकी भी वजह है। अक्‍सर दोनों के बीच कहासुनी हो जाती है।

पारिवारिक कलह के बीच एक दिन अज्‍जू स्‍कूल में एक छात्र को थप्‍पड़ मार देता है। यह छात्र स्‍थानीय विधायक (मुकेश तिवारी) का बेटा होता है। उसे नौकरी से निलंबित कर दिया जाता है। अज्‍जू की नौकरी पर तलवार लटकने लगती है। हालांकि, उसी दौरान उसे द्वितीय विश्‍व युद्ध के बारे में बच्‍चों को पढ़ाना होता है। अपनी नौकरी बचाने और परिजनों को खुश करने के लिए अज्‍जू यूरोप भ्रमण की योजना बनता है।

वह निशा के साथ द्वितीय विश्‍वयुद्ध के घटनास्‍थल पेरिस, नारमैंडी, एम्‍सटर्डम, बर्लिन, आशिवत्‍ज जाता है। इन घटनास्‍थलों पर जाकर वह बच्‍चों को उसके बारे में बताता है। खैर वहां जाने पर क्‍या अज्‍जू और निशा के बीच की दूरियां मिटेगी? इस यात्रा से क्‍या जीवन के कुछ सबक सीख पाएगा? क्‍या वह अपनी नौकरी बचा पाएगा? फिल्‍म इस संबंध में है।

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