‘आदिवासी मुख्यमंत्री के राज में आदिवासी सुरक्षित नहीं’: बैज ने भाजपा पर साधा निशाना,बोले- कब होगी पूर्ण शराबबंदी

रायपुर : छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने भारतीय जनता पार्टी पर जमकर निशाना साधा है। पीसीसी चीफ बैज ने बीजेपी को पूर्ण शराबबंदी, फर्जी इनकाउंटर और आदिवासी मामले को लेकर घेरने का प्रयास किया है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि आदिवासी मुख्यमंत्री के राज में आदिवासी सुरक्षित नहीं है। उन्होंने कहा कि शराबबंदी मुद्दे को उठाने वाले अब इस मामले में मौन क्यों हैं। पीसीसी चीफ ने दावा करते हुए कहा कि चार जून को कांग्रेस की सरकार बनाने के बाद देश के गरीब परिवार को राहत देने के लिए पांच किलो चावल की जगह 10 किलो चावल दिया जाएगा

बैज ने आरोप लगते हुए कहा कि आदिवासी मुख्यमंत्री होने के बाद छत्तीसगढ़ में आदिवासी सुरक्षित नहीं है। यह सबसे बड़ा दुर्भाग्य है। मुख्यमंत्री को जवाब देना चाहिए कि क्यों आदिवासियों को अभी तक सुरक्षित कर पाये पांच महिने में? उन्होंने सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि हसदेव  जंगल की कटाई हो रही है। कोरबा में बैगा परिवार की हत्या हो रही है। बस्तर में नक्सलियों के नाम से गोली मारा जा रहा है। निर्दोष बच्चों की विस्फोट में मौत हो रही है। इसके लिए सरकार क्या रही है? दीपक बैज ने मुख्यमंत्री रिमोट कंट्रोल बताया है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि दिल्ली से और उनकी प्रदेश में अभी तक समझ नहीं है। बैज ने आरोप लगाते हुए कहा कि एक आदिवासी मुख्यमंत्री होने के बाद एक आदिवासी वर्ग को सुरक्षित नहीं कर पाये, इससे बड़ा दुर्भाग्य छत्तीसगढ़ के लिए कुछ नहीं हो सकता।

पूर्ण शराबबंदी मामले को लेकर पीसीसी चीफ ने भाजपा पर हमला बोला है। उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि राज्य सरकार बताए प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी कब लागू होगी? उन्होंने मामले में आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा सरकार के संरक्षण में पूरे प्रदेश में शराब की कोचियागिरी शुरू हो गयी है। एसी अहाता बना कर शराब की खपत बढ़ाने के इंतजाम किये जा रहे है। दुकानों को कमीशन देकर कोचिये गली, मुहल्लों में शराब बेच रहे है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार का पूरा प्रयास शराब की काली कमाई बढ़ाने में है।

पीसीसी चीफ बैज ने कहा कि जहां गलत होगा कांग्रेस सवाल उठायेगी, कांग्रेस जनता के साथ खड़ी है। सवाल हम नहीं पीड़ित परिवार उठा रही है। उन्होंने कहा कि गांव वाले एनकाउंटर पर सवाल उठा रहे हैं कि कांकेर की घटना जहां तीन निर्दोष आदिवासियों को गोली मारा गया। क्या फर्जी एनकांउटर नही था? उसमें सरकार अभी तक क्यों जवाब नहीं दे रही है? उन्होंने कहा कि जिनके पास राशन कार्ड, आधार कार्ड, जॉब कार्ड सभी चीजे थी। गांव वालों ने कहा फर्जी एनकांउटर है, निश्चित तौर पर हम गांव वाले, आदिवासियों के साथ खड़े हैं। सरकार का अभी तक जवाब नहीं आया। गांव वाले लगातार खुलकर बोल रहे है कि जो नक्सलियों बताकर मारे गये वो निर्दोष आदिवासी हैं। तेंदूपत्ता तोड़ने गये थे।

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