Tanya Hemanth: पोडियम पर आने से पहले भारतीय शटलर को थमाया हिजाब
बेंगलुरु: महिलाओं के तगड़े विरोध और दुनियाभर में शर्मनाक स्थिति होने के बावजूद ईरान सीख नहीं ले रहा है। ईरान फज्र इंटरनेशनल चैलेंज बैडमिंटन टूर्नामेंट में दुनियाभर के धाकड़ शटलरों को धूल चटकार चैंपियन बनी भारतीय खिलाड़ी तान्या हेमंत को मेडल लेने के लिए पोडियम पर जाते समय हिजाब पहनना पड़ा। कर्नाटक की तान्या हेमंत ने रविवार को तेहरान में ईरान फज्र इंटरनेशनल चैलेंज बैडमिंटन टूर्नामेंट में महिला सिंगल्स का खिताब जीता।
जब वह गोल्ड मेडल लेने के लिए पोडियम पर जा रही थीं तो उन्हें हिजाब पहनना पड़ा। दूसरी वरीयता प्राप्त 19 वर्षीया तान्या, जो प्रकाश पादुकोण बैडमिंटन अकादमी में प्रशिक्षण लेती हैं, ने 30 मिनट में गत चैंपियन और हमवतन तसनीम मीर को हराया था। बेंगलुरु की लड़की ने पहले गेम में आसान जीत दर्ज की, दूसरे गेम में टॉप सीड ने थोड़ा परेशान किया, लेकिन उन्होंने गेम को 21-7, 21-11 से अपने नाम किया। जाहिर तौर पर आयोजकों ने तान्या को पदक समारोह में एक हेडस्कार्फ पहनने के लिए कहा। कुछ ऐसा ही पिछले वर्ष तसनीम के साथ भी हुआ था, जब भारत (गुजरात) की खिलाड़ी ने गोल्ड मेडल जीता था।
महिला पदक विजेताओं के लिए अनिवार्य था हेडस्कार्फ
बैडमिंटन सूत्रों ने बताया कि आयोजकों ने स्पष्ट कर दिया था कि महिला पदक विजेताओं के लिए हेडस्कार्फ अनिवार्य था, हालांकि टूर्नामेंट के प्रॉस्पेक्टस में पोडियम ड्रेस कोड का कोई जिक्र नहीं था। उन्होंने बताया- प्रॉस्पेक्टस में बैडमिंटन वर्ल्ड फेडरेशन के प्रतियोगिता नियमों में कपड़ों के नियमों के बारे में बात की गई है, जो दुनिया भर के टूर्नामेंटों में आम है। जबकि हम जानते थे कि तेहरान में महिलाओं के बाहर निकलने पर हेडस्कार्फ अनिवार्य था, टूर्नामेंट के दौरान उनके उपयोग के बारे में कोई विशेष उल्लेख नहीं था।
पुरुष दर्शक को महिला शटलरों को खेलते हुए देखने की अनुमति नहीं
महिला शटलरों को अपने मैचों के दौरान इस तरह के प्रतिबंधों का सामना नहीं करना पड़ा (लेगिंग्स या हेडस्कार्फ) लेकिन किसी भी पुरुष दर्शक को उन्हें खेलते हुए देखने की अनुमति नहीं थी। एंट्री गेट पर एक स्टिकर, जिस पर लिखा था, ‘कोई पुरुष अनुमति नहीं’, एक महिला खिलाड़ी के कोच या उसके माता-पिता के बीच कोई भेदभाव नहीं करता। पुरुष होने पर दोनों को स्टेडियम में प्रवेश करने से रोक दिया गया था। दिलचस्प बात यह है कि टूर्नामेंट में मिश्रित युगल (यानी लड़की और लड़कों का जोड़ा एक साथ खेलते हैं) शामिल थे, कथित तौर पर पहली बार ऐसा हुआ और दुनिया भर के 10 जोड़ों ने हिस्सा लिया था।
सूत्रों ने बताया- महिलाओं का कार्यक्रम सुबह और पुरुषों का दोपहर में था। महिला दर्शकों को ही महिला मैच देखने की अनुमति थी। साथ ही, महिलाओं के मैचों में सभी मैच अधिकारी महिलाएं थीं। इस मीट में अपनी बेटियों के साथ गए पुरुष माता-पिता को एक भी मैच देखने को नहीं मिला। केवल मिश्रित युगल के दौरान ही पुरुष और महिला खिलाड़ियों को कोर्ट पर एक साथ देखा गया था।