श्री कृष्ण जन्माष्टमी 2023: छत्तीसगढ़ के ये 6 कृष्ण मंदिर हैं खास! जरूर करें दर्शन, ये है खासियत

रायपुर/बिलासपुर/बेमेतरा/दुर्ग। श्री कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व पूरे देश में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिन को भगवान श्री कृष्ण के जन्म के रूप में मनाया जाता है. जन्माष्टमी को भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी बसे भारतीय पूरी आस्था और उल्लास के साथ इसे मनाते हैं. इस बार जन्माष्टमी का पर्व 6-7 सितंबर को है. पर्व को लेकर छत्तीसगढ़ के कृष्ण मंदिरों में अभी से तैयारी शुरू हो चुकी है।

रायपुर के इस्कॉन मंदिर और समता कॉलोनी के राधा कृष्ण मंदिर, बेमेतरा का कृष्ण मंदिर, भिलाई का अक्षयपात्र मंदिर, बिलासपुर का खाटूश्याम और वेंकटेश मंदिर छत्तीसगढ़ के कृष्ण भगवान के ऐसे मंदिर हैं, जहां जन्माष्टमी के दिन बड़ी धूमधाम से कृष्ण भगवान की पूजा की जाती है.

ये कृष्ण मंदिर हैं प्रसिद्ध
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के टाटीबंध स्थित इस्कॉन मंदिर में जन्माष्टमी का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जाएगा. जन्माष्टमी के लिए इस्कॉन मंदिर में विशाल पंडाल बनाया जाता है. राधा कृष्ण के लिए पोशाक एवं आभूषण वृंदावन एवं मुंबई से मंगाए गए हैं. जन्माष्टमी में यहां बाल महोत्सव फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता एवं भव्य नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है. साथ ही में मंगल आरती, तुलसी आरती, श्रृंगार दर्शन, धूप अगरबत्ती, भजन संध्या, संध्या आरती का आयोजन किया जाएगा. हर साल रायपुर इस्कॉन मंदिर में जन्माष्टमी के दिन सिर्फ छत्तीसगढ़ी ही नहीं बल्कि विदेश से पर्यटक भी कृष्ण भगवान के दर्शन लिए यहां पहुंचते हैं।

रायपुर : राधा कृष्ण मंदिर
रायपुर के समता कॉलोनी स्थित राधाकृष्ण मंदिर में हर साल जन्माष्टमी का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. समता कॉलोनी स्थित राधाकृष्ण मंदिर में साज सजावट के लिए विशेष तौर से कोलकाता के कारीगरों को बुलाया जाता है. रायपुर के कृष्ण मंदिरों में सबसे बड़े मंदिर में से एक है समता कॉलोनी का राधा कृष्ण मंदिर. कृष्ण जन्माष्टमी के दिन यहां सुबह से ही भक्तों का तांता रहता है.

भिलाई : अक्षयपात्र मंदिर
छत्तीसगढ़ के स्टील सिटी भिलाई में स्थित अक्षयपात्र मंदिर सूबे में कृष्ण भगवान के सबसे बड़े मंदिरों में से एक है. हर साल यहां कृष्ण जन्माष्टमी बड़े ही धूमधाम से मनाई जाती है. अक्षयपात्र मंदिर में कृष्ण जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण को 108 प्रकार के पकवान का भोग भी लगाया जाता है. हर साल अक्षयपात्र मंदिर में कृष्ण जन्माष्टमी के दिन सांस्कृतिक आयोजन भी किए जाते हैं।

 

बेमेतरा : राधाकृष्ण मंदिर
बेमेतरा के नविन बाजार में स्थित प्राचीन राधा कृष्ण मंदिर में हर साल जन्माष्टमी का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। कृष्ण जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण के दर्शन के लिए सुबह से ही लोगों का तांता रहता है. कृष्ण जन्माष्टमी के दिन मंदिरों में भजन कीर्तन शुरू रहता है. जिसके बाद शाम के समय मंदिर में विशेष पूजा अर्चना की जाती है। नगर में कई जगहों पर जन्माष्टमी के दिन सांस्कृतिक आयोजन भी किए जाते हैं। मंदिर को इस दिन विशेष रूप से सजाया जाता हैं। पुरे जिले के लोग कृष्ण दर्शन के लिए इस दिन उमड़ पड़ते हैं। ऐसी मान्यता है कि जो भी भक्त यहां श्रद्धा पूर्वक अपनी मनोकामना लेकर आता है. उसकी मनोकामना यहां जरूर पूरी होती है. राधा कृष्ण मंदिर में अपनी मन्नत लेकर श्रद्धालु प्रदेश भर से आते हैं और मनोकामनाएं पूरी होने के बाद मंदिर में हवन-पूजन करते हैं.

बिलासपुर : खाटूश्याम मंदिर
इस बार कृष्ण जन्माष्टमी को लेकर खाटूश्याम मंदिर में विशेष सजावट की जा रही है. कृष्ण जन्माष्टमी के दिन प्रदेश के सभी बड़े कृष्ण मंदिरों में मेले जैसा माहौल रहता है. कृष्ण जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण के दर्शन के लिए सुबह से ही लोगों का तांता रहता है. कृष्ण जन्माष्टमी के दिन मंदिरों में भजन कीर्तन शुरू रहता है. जिसके बाद शाम के समय मंदिर में विशेष पूजा अर्चना की जाती है।

बिलासपुर : वेंकटेश मंदिर
हर साल बिलासपुर के वेंकटेश मंदिर में कृष्ण भगवान का जन्म उत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. कृष्ण जन्माष्टमी के दिन यहां सुबह से ही भजन कीर्तन शुरू हो जाता है. यहां बड़े ही धूमधाम से शाम को संध्या आरती की जाती है. कृष्ण जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण के मनमोहक रूप के दर्शन करने पर्यटक यहां दूसरे राज्यों से भी आते हैं।

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