पाकिस्तान सरकार ने चीन को दिखाई आंख, कहा चीनी नागरिक पैसे दें तभी मिलेगी सुरक्षा
लाहौर: कंगाल हो चुके पाकिस्तान को दोस्त चीन ने अब बिना शर्त पैसा देने से किनारा कर लिया है। चीन ने साफ कह दिया है कि पाकिस्तान कर्ज हासिल करने के लिए आईएमएफ के प्रोग्राम को लागू करे। चीन के इस रुख के बाद अब पाकिस्तान सरकार ने अपने आका चीन को ही आंख दिखाना शुरू कर दिया है। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की सरकार ने हजारों की तादाद में सीपीईसी परियोजना में काम कर रहे चीनी नागरिकों से साफ कह दिया है कि वे अपनी सुरक्षा के लिए खुद निजी सुरक्षा एजेंसियों को किराए पर लें और उसका पैसा भुगतान करें। चीनी नागरिकों पर बलूच विद्रोही अक्सर हमला करते रहते हैं।
पाकिस्तान के डिफॉल्ट होने का मंडरा रहा खतरा
पाकिस्तान अभी गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा है और देश के डिफॉल्ट होने का खतरा मंडरा रहा है। इस बीच पंजाब प्रांत की सरकार के गृह मंत्रालय ने राज्य में रह रहे या निजी कंपनियों के साथ काम कर रहे चीनी नागरिकों को निर्देश दिया है कि वे A कटेगरी की सुरक्षा के लिए खुद ही निजी सुरक्षा एजेंसियों को हायर करें। यही नहीं इस निजी सुरक्षा एजेंसी का पूरा खर्च चीनी नागरिकों को ही देना होगा। गुरुवार को पंजाब प्रांत के गृह मंत्रालय और पुलिस की बैठक में सरकार के साथ काम करने वाले चीनी नागरिकों और प्राइवेट प्रॉजेक्ट की सुरक्षा की समीक्षा की गई।
चीनी नागरिकों की सुरक्षा में लगे सुरक्षाकर्मी
डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2014 में पंजाब सरकार ने स्पेशल प्रोटेक्शन यूनिट का गठन किया था। इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण परियोजनाओं में लगे विदेशियों को सुरक्षा मुहैया कराने का काम दिया गया था। इसमें 3,336 सुरक्षा कांस्टेबल, 187 ड्राइवर और 244 पूर्व सैनिक शामिल हैं। इन लोगों को काफी सख्त ट्रेनिंग दी गई। वर्तमान समय में इस यूनिट में 3,829 अधिकारी और सुरक्षाकर्मी हैं। ये सीपीईसी योजना में काम कर रहे 7,567 चीनी नागरिकों को सुरक्षा दे रहे हैं। पंजाब में सीपीईसी का 4 प्रॉजेक्ट और 27 नॉन सीपीईसी प्रॉजेक्ट चल रहा है। ये सुरक्षाकर्मी चीनियों के 70 घरों और 24 शिविरों की सुरक्षा कर रहे हैं।