लाली कांड में आया नया मोड़ : 2 संदिग्धों का नार्को टेस्ट तय, 2 और की मांगी अनुमति

मुंगेली। छत्तीसगढ़ में लोरमी थाना क्षेत्र की मासूम बच्ची महिश्वरी गोस्वामी उर्फ लाली की रहस्यमयी गुमशुदगी और मौत के मामले में पुलिस अब अंतिम पड़ाव पर है। मामले की जटिल जांच के बीच पुलिस पहली बार जिले में नारकों टेस्ट के जरिए अपराधियों तक पहुँचने जा रही है।

नए मोड़ पर पहुँची जांच- 2 और संदिग्धों के नाकों टेस्ट की अनुमति मांगी गई

अब तक दो संदिग्धों के पॉलीग्राफ और ब्रेन मैपिंग टेस्ट हो चुके हैं। उनकी रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने न्यायालय से नार्कों टेस्ट की अनुमति प्राप्त कर ली है। साथ ही दो और संदिग्धों के नाकों टेस्ट के लिए अनुमति मांगी गई है। पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल के अनुसार, मामला बेहद संवेदनशील और जटिल है, इसलिए किसी निर्दोष को फंसाने से बचते हुए पुख्ता साक्ष्य के आधार पर ही कार्रवाई की जा रही है।

पूर्णिमा की वो मनहूस रात और मासूम लाली की गुमशुदगी

11-12 अप्रैल की पूर्णिमा की रात को लाली रहस्यमयी तरीके से अपने घर  कोसाबाड़ी से गायब हो गई थी। 7 वर्षीय यह बच्ची दूसरी कक्षा की मेधावी छात्रा थी। घटना के बाद क्षेत्र में आक्रोश फैला, विरोध-प्रदर्शन हुए और इनाम की घोषणा भी की गई।

श्मशान के पास मिला नरकंकाल- डीएनए रिपोर्ट ने की पुष्टि

6 मई को लाली के घर से कुछ टूर श्मशान घाट के पास एक क्षत-विक्षत ‘नरकंकाल बरामद हुआ। फॉरेंसिक जांच और डीएनए परीक्षण के बाद पुष्टि हो चुकी है कि यह कंकाल लाली का ही है। पुलिस अब यह जानने में जुटी है कि मौत की वजह कया थी – हत्या, तंत्र-मंत्र या कोई और कारण?

तंत्र-मंत्र के एंगल से भी हो रही जांच

प्राथमिक जांच में यह संकेत मिल रहे हैं कि यह घटना तंत्र-मंत्र या नरबति से जुड़ी हो सकती है। पुलिस हर पहलू से इस गुत्थी को सुलझाने में जुटी है। डीएसपी नवनीत पाटील ने बताया कि इस मामले में जल्द बड़ा खुलासा किया जाएगा।

मासूम ‘लाली’ को क्यों बनाया गया निशाना?

पुलिस के अनुसार, अब तक के साक्ष्य यह दर्शाते हैं कि यह कोई सामान्य मामला नहीं है। यह किसी गहरे षडयंत्र या तांत्रिक साधना से जुड़ा हो सकता है। जांच में जुटी टीम हर कड़ी को जोड़कर आरोपी तक पहुँचने की कोशिश कर रही है। फिलहाल रहस्य कायम है, लेकिन पुलिस का दावा है कि बहुत जल्द होगा खुलासा और मासूम लाली को इंसाफ मिलेगा।

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