Jawan Movie Review: ‘सोच समझकर वोट करें’, नेशनल हीरो बनने चले शाहरुख खान, पॉलिटिकल है धूम मचा रहा ‘जवान’

”जब आप दुकान पर एक मॉर्टिन खरीदने भी जाते हो जो सिर्फ 5 घंटे चलती है, उसके लिए भी तमाम सवाल करते हो. लेकिन 5 साल चलने वाली सरकार के लिए एक भी सवाल नहीं पूछते हो, डर-पैसा-संप्रदाय हर मुद्दे से ऊपर उठकर सवाल किया जाए और फिर सोच समझकर ही वोट किया जाए.”

ये किसी नेता या मोटिवेशनल स्पीकर की लाइन नहीं है, बल्कि देश के सिनेमाघरों में धूम मचा रही ‘किंग’ शाहरुख खान की फिल्म ‘जवान’ का एक डायलॉग हैं. पहले पठान और अब जवान के जरिए शाहरुख खान ने असल में बॉक्स ऑफिस पर धमाकेदार एंट्री की है और पिछले 3 साल से जो उनके फैन्स इंतजार कर रहे थे वो करिश्मा स्क्रीन पर दिखाई दे रहा है.

जवान सिर्फ एक मसाला फिल्म नहीं है, जो बॉक्स ऑफिस पर करोड़ों कमाए और थियेटर्स में फैन्स के बीच एक नया जोश पैदा कर दे. शाहरुख खान का यहां एक नया अवतार दिखा है, जिसके जरिए वो रोमांस और एक्शन से आगे बढ़कर एक सोशल मैसेज देने की कोशिश कर रहे हैं. पिछले कुछ समय में ये फॉर्मूला पहले आमिर खान और फिर सलमान खान अपनाते रहे हैं, लेकिन अब शाहरुख खान भी इसी ओर चल पड़े हैं.

नेशनल हीरो शाहरुख खान…

शाहरुख खान बॉलीवुड के किंग हैं, इसमें कोई दो राय नहीं है. हर ओर उनका सिक्का चलता है, आज के वक्त में वो फिल्म करें या ना करें, उनकी ब्रांड वैल्यू में कोई कमी नहीं है. फिल्म पठान के जरिए शाहरुख ने बड़े पर्दे पर वापसी की, तो अब जवान के जरिए वो अपनी गाड़ी को तेज़ी से दौड़ा रहे हैं. लेकिन जवान की कहानी थोड़ी से अलग जाती है जो शाहरुख खान को बॉलीवुड स्टार से आगे अब नेशनल हीरो बनाने की तैयारी है.

इसमें सबसे बड़ा कदम उनकी फिल्म का मैसेज देना है, शाहरुख यहां मसाला और एंटरटेनमेंट के साथ-साथ एक सोशल मैसेज देने की कोशिश में हैं. चाहे वो जेलर के रूप में महिला कैदियों की जिंदगी सुधारना हो, या फिर गलत तरीके अपनाकर एक रॉबिनहुड की तरह आम लोगों की मदद करना हो और अंत में फिर सही चुनाव करके ही वोट देने का संदेश देना हो. शाहरुख जैसा सुपरस्टार जब इस तरह का मैसेज देने की कोशिश करता है, तो उसका असर भी व्यापक होता है.

नेशनल हीरो बनने का एक दूसरा फॉर्मूला इस फिल्म में एक और भी है, जो पूरी तरह से साउथ सिनेमा से प्रभावित करता है. हालिया वर्षों में साउथ की फिल्मों ने जिस तरह पैन इंडिया अपनी पकड़ मजबूत की है, उसका असर बॉलीवुड पर भी पड़ा है. बॉलीवुड भी इसी फॉर्मूले को अपना रहा है और किसी तरह साउथ इंडिया को अपने साथ जोड़ने में जुटा हुआ है.

शाहरुख की जवान का उदाहरण लें तो इस फिल्म को अलग-अलग भाषाओं में रिलीज़ किया गया, फिल्म के डायरेक्टर एटली साउथ का बड़ा नाम हैं, विजय सेतुपति की भी बड़ी फैन फॉलोइंग है और इनके अलावा नयनतारा, प्रियमणि जैसी अदाकाराओं को साथ लाना भी साउथ ऑडियंस को साधना जैसा रहा. इन सभी ने साउथ को साधा तो पूरे उत्तर भारत (हिन्दी पट्टी) को साधने के लिए शाहरुख खान का नाम ही काफी है, यही वजह है कि जवान भी एक तरह से पैन इंडिया हिट मूवी होती जा रही है.

पॉलिटिकल जवान…

शाहरुख खान की इस मूवी में सबकुछ है, मसाला-एक्शन-रोमांस-देशभक्ति का तड़का-सोशल मैसेज, यही सब फिल्म को हिट कराने के लिए काफी है. किसानों की आत्महत्या, डिजिटल इंडिया, इंसेफेलाइटिस, आर्मी से जुड़ा स्कैम, बिजनेसमैन का प्रभाव और राजनीति में करप्शन… जवान में ये सभी मुद्दे हैं. गौर करेंगे तो मालूम पड़ता है पिछले कुछ वक्त में देश की राजनीति में भी यही मुद्दे छाए रहे थे.

महाराष्ट्र में किसानों की आत्महत्या एक बड़ा मसला रहा है, हर साल यहां हजारों की संख्या में किसान अपनी जान गंवाते हैं, कर्ज और सूखा यहां छोटे किसानों का बुरा हाल करता है और किस तरह कर्ज चुकाने के लिए किसान अपनी जान गंवा देते हैं जवान में यही दिखाया गया है. साल 2017-18 में यूपी के गोरखपुर में इंसेफेलाइटिस की वजह से कई बच्चों की जान चली गई थी, तब अस्पताल की लापरवाही सामने आई थी जवान में भले ही जगह और अस्पताल का नाम बदला गया हो लेकिन कहानी उसी से जुड़ी हुई नज़र आती है.

इसी तरह सेना में हथियारों से जुड़ा स्कैम, राजनीति में बिजनेसमैन का दखल, मंत्रियों का भ्रष्टाचार ये ऐसे मसले हैं जिन्हें शाहरुख खान अपनी फिल्म में जोर-शोर से उठाते हैं. हालांकि ये सिर्फ एक सोशल मैसेज देने के तौर पर दिखाया गया है लेकिन फिल्म पूरी तरह से पॉलिटिकल लाइन लेती दिखती है. अंत में शाहरुख खान का डायलॉग ‘बेटे को हाथ लगाने से पहले बाप से बात कर’, जो ट्रेलर के दौरान भी काफी सुर्खियों में रहा था, वो बेटे आर्यन खान के साथ हुए एनसीबी के एपिसोड की याद दिलाता है.

बॉलीवुड के लिए वरदान बनेगा जवान

बॉलीवुड पिछले कुछ वक्त तक गर्त में रहा, बॉक्स ऑफिस पर बड़ी से बड़ी फिल्में पिट रही थीं. लेकिन अब सबकुछ पटरी पर आने लगा है, पहले पठान, फिर गदर 2, ओएमजी 2 समेत ऐसी कुछ फिल्में आई जिनकी वजह से लोगों का बड़ी संख्या में थिएटर की ओर जाना हुआ. जवान इस ट्रेंड में चार चांद लगाने वाली फिल्म है, जो शायद पिछले तमाम रिकॉर्ड्स तोड़ दे और बॉक्स ऑफिस पर इतिहास रचे.

थिएटर्स में फैन्स का नाचना, एक-एक सीन पर सीटी बजाना और हर डायलॉग पर ताली पीटना ही किसी फिल्म को ब्लॉकबस्टर साबित करने के लिए काफी है. जवान में वो हर एलिमेंट है जो बॉक्स ऑफिस पर इसे हिट करवाने के लिए फिल्म बैठता है. यहां शाहरुख खान का फेम काम आया है और उनका एंग्री मैन वाला लुक लोगों को अच्छा लग रहा है.

शाहरुख खान ने रोमांस किंग वाली इमेज को बदला है, पहले पठान में वो एक्शन करते नज़र आए और अब जवान में इसे अलग लेवल पर ले गए हैं. जवान के डबल रोल वाले शाहरुख भी एक कैरेक्टर में ताबड़तोड़ एक्शन और दूसरे कैरेक्टर में बैड एलिमेंट वाले लुक में नज़र आते हैं, किंग खान का ये अवतार बेहतर है. बाकी काम डायरेक्टर और फिल्म के लेखक एटली ने किया है, उन्होंने फिल्म को इस तरह बुना है जहां ये हर किसी को कनेक्ट करती हुई आगे बढ़ती है. ऐसे में इस फिल्म का क्रेडिट सिर्फ शाहरुख खान को देना गलत होगा क्योंकि ये फिल्म डायरेक्टर-राइटर की ही है.

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