कर्ज से छुटकारा पाना है तो बुधवार को करें इस चमत्कारी स्त्रोत का पाठ
सनातन धर्म में हर देवता की आराधना के लिए एक तय दिन होता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार संबंधित दिन यदि देवी या देवता की आराधना की जाती है तो वे जल्द प्रसन्न होते हैं और सभी दुखों को हर लेते हैं। ऐसे में हर शुभ कार्य में सर्वप्रथम पूज्य गणेश जी की आराधना बुधवार को की जाती है। भगवान गणेश यदि प्रसन्न हो जाते हैं तो जातक के जीवन में सुख-समृद्धि के साथ किसी भी काम में आ रही बाधा को हटा देते हैं। धार्मिक मान्यता है कि गणेश जी जिन साधकों पर कृपा बरसाते हैं तो उनके सभी विघ्न हर लेते हैं। आर्थिक संकट में फंसे लोगों को बाहर निकलाने के लिए भी गणेश जी की उपासना का विशेष महत्व बताया गया है।
गणेश जी हैं सर्वप्रथम पूजनीय
पौराणिक ग्रंथों में भगवान गणेश को प्रथम पूजनीय माना गया है। शास्त्रों में कर्ज के बोझ से छुटकारा पाने के लिए बुधवार का दिन खास बताया गया है। बुधवार के दिन ऋणहर्ता गणेश स्त्रोत का पाठ करने से सभी पुराने कर्जों से मुक्ति मिल जाती है। ऋणहर्ता गणेश स्त्रोत करने से पहले जातक को इन बातों की सावधानी रखनी चाहिए –
ऋणहर्ता गणेश स्त्रोत
ध्यान
ॐ सिन्दूर-वर्णं द्वि-भुजं गणेशं लम्बोदरं पद्म-दले निविष्टम्।
ब्रह्मादि-देवैः परि-सेव्यमानं सिद्धैर्युतं तं प्रणामि देवम्।।
पाठ
सृष्ट्यादौ ब्रह्मणा सम्यक् पूजित: फल-सिद्धए।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे।।1।।
त्रिपुरस्य वधात् पूर्वं शम्भुना सम्यगर्चित:।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे।।2।।
हिरण्य-कश्यप्वादीनां वधार्थे विष्णुनार्चित:।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे।।3।।
महिषस्य वधे देव्या गण-नाथ: प्रपुजित:।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे।।4।।
तारकस्य वधात् पूर्वं कुमारेण प्रपूजित:।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे।।5।।
भास्करेण गणेशो हि पूजितश्छवि-सिद्धए।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे।।6।।
शशिना कान्ति-वृद्धयर्थं पूजितो गण-नायक:।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे।।7।।
पालनाय च तपसां विश्वामित्रेण पूजित:।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे।।8।।
इदं त्वृण-हर-स्तोत्रं तीव्र-दारिद्र्य-नाशनं,
एक-वारं पठेन्नित्यं वर्षमेकं सामहित:।
दारिद्र्यं दारुणं त्यक्त्वा कुबेर-समतां व्रजेत्।।