30 मई के दिन करें गंगा का ये उपाय, सभी संकटों से हो जाएंगे मुक्त
हिंदू धर्म में गंगा दशहरा पर्व का विशेष महत्व है। ज्येष्ठ माह में शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा का त्योहार मनाया जाता है। इस साल 30 मई को गंगा दशहरा पर्व मनाया जाएगा। इस विशेष दिन पर मां गंगा की विधिवत पूजा की जाती है। इस दिन गंगा स्नान के साथ दान करने का भी खास महत्व बताया गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन मां गंगा का धरती पर अवतरण हुआ था।
मान्यता है कि गंगा दशहरा के दिन गंगा नदी में स्नान करने से व्यक्ति के सभी पाप मिट जाते हैं और उसे अक्षय पुण्य व रिद्धि-सिद्धि, यश-सम्मान की प्राप्ति होती है। इस दिन कुछ उपाय करके मांगलिक दोष कर्ज से मुक्ति समेत कई परेशानियों से छुटकारा पाया जा सकता है। इस लेख के माध्यम से हम इन उपायों के बारे में जानेंगे।
गंगा दशहरा तिथि 2023
दशमी तिथि की शुरुआत 29 मई को दोपहर 11 बजकर 49 मिनट से हो रही है और 30 मई दोपहर 1 बजकर 07 मिनट समाप्त होगी। उदया तिथि 30 मई को है, इसलिए इसी दिन गंगा दशहरा मनाया जाएगा।
गंगा दशहरा के दिन ये उपाय करें
– घर में धन प्राप्ति और नकारात्मक प्रभावों को दूर करने के लिए गंगा दशहरा के दिन पूजा पाठ करें। गंगा दशहरा के दिन स्नान के बाद मंदिर में शिवलिंग पर गंगाजल से अभिषेक करें। इसके बाद थोड़ा जल बचा लें और पूरे घर में छिड़काव करें।
– आप यदि करियर में तरक्की चाहते हैं, तो गंगा दशहरा के दिन प्रात स्नान करने के बाद तांबे के लोटे में जल लेकर इसमें सिंदूर और अक्षत डालकर भगवान सूर्य को अर्घ्य दें। अर्घ्य देते समय सूर्य के मंत्र ‘ ऊँ सूर्याय नम:’ मंत्र का उच्चारण करें।
– आज के इस दौर में आसानी से रोजगार मिलना मुश्किल होता जा रहा है। आपकी नौकरी में भी बाधा आ रही है, तो आप गंगा दशहरा के दिन एक उपाय कर सकते हैं। गंगा दशहरा के दिन एक मिट्टी का घड़ा लें उसमें गंगा जल की कुछ बूंदे और थोड़ी शक्कर डाल कर पानी भर कर गरीबों को पानी मिलाएं।
– बहुत लोग कर्ज से परेशान है। यदि कर्ज से मुक्ति पाना चाहते हैं तो गंगा दशहरा के दिन काला धागा लेकर अपनी लंबाई का नाप कर निकाल लें। इसके बाद एक नारियल लें और उसमें धागा बांधते हुए अपने आराध्य से कामना करें। इसके बाद शाम के समय बहते जल में प्रवाहित कर दें।
– व्यापार में उतार-चढ़ाव चलता रहता है। यदि आपके व्यापार में भी समस्या आ रही है, तो गंगा दशहरा के दिन पूजा पाठ कर इस समस्या से मुक्ति पा सकते हैं। गंगा दशहरा के दिन एक कागज पर गंगा स्त्रोत लिखकर इस कागज को किसी पीपल के पेड़ के नीचे गाड़ देना चाहिए।