उत्तर कोरिया में घट रहा अनाज उत्पादन, भुखमरी की तरफ देश; ‘किम जोंग’ पर सत्ता बचाने की चुनौती

नई दिल्ली : दुनिया के तमाम देशों के साथ ही उत्तर कोरिया में भी खाद्य संकट गहराता जा रहा है। कोरोना महामारी के बाद यहां तेजी से भोजन की कमी हो रही है। कुछ रिपोर्टों में कहा गया है कि उत्तर कोरियाई क्षेत्र में एक बड़ी आबादी भुखमरी का शिकार हो रही है, लेकिन विशेषज्ञ इन चर्चाओं को खारिज कर रहे हैं और उनका कहना है कि देश में अकाल जैसी स्थिति के कोई संकेत नहीं हैं।

इस बीच उत्तर कोरिया में यह अटकलें फिर से तेज हो गई हैं कि शीर्ष नेता एक सही कृषि नीति तैयार करने के लिए तत्काल चर्चा की तैयारी कर रहे हैं। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि सत्तारूढ़ वर्कर्स पार्टी की आगामी बैठक का उद्देश्य अपने नेता किम जोंग उन के समर्थन को बढ़ावा देना है, क्योंकि वह अमेरिकी दबाव और प्रतिबंधों के बावजूद परमाणु हथियार कार्यक्रम को आगे बढ़ा रहे हैं।

खाद्य संकट दूर किए बिना आगे नहीं बढ़ सकते किम जोंग

सत्तारूढ़ वर्कर्स पार्टी की बैठक फरवरी के अंत में होने वाली है। इस बैठक का एजेंडा अभी तक सामने नहीं आया है, लेकिन पार्टी के शक्तिशाली पोलित ब्यूरो का कहना है कि कृषि विकास में आमूलचूल परिवर्तन के लिए बड़े और उचित कदम उठाने की आवश्यकता है। उधर, सियोल में क्यूंगनाम यूनिवर्सिटी के इंस्टीट्यूट फॉर फार ईस्टर्न स्टडीज के प्रोफेसर लिम एउल-चुल का कहना है कि खाद्य समस्या को हल किए बिना किम जोंग उन अपने परमाणु कार्यक्रम को आगे नहीं बढ़ा सकते हैं, क्योंकि ऐसा करने से जनता का समर्थन हिल जाएगा।

1990 में भुखमरी से गई थीं लाखों जानें

उत्तर कोरिया में खाद्य संकट की सटीक स्थिति जानना मुश्किल है, लेकिन 1990 में भी कोरिया ऐसे ही संकट का सामना कर चुका है, तब भुखमरी के कारण लाखों लोगों की जानें गई थीं। तब से लेकर अब तक उत्तर कोरिया में खाद्य संकट बना हुआ है। 2011 के अंत में नेता के रूप में अपने पिता से पदभार ग्रहण करने के बाद अपने पहले सार्वजनिक भाषण में, इस कमी को दूर करने का वायदा किया था। किम जोंग उन के शासन की शुरुआत में अर्थव्यवस्था में सुधार भी हुआ था, लेकिन परमाणु कार्यक्रम के कारण  कड़े अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के कारण संकट गहराता ही चला गया है।

हर साल घट रहा अनाज उत्पादन

उत्तर कोरिया को अपने 2.5 करोड़ लोगों के लिए 5.5 मिलियन टन अनाज की आवश्यकता है। हालांकि, यहां हर साल अनाज उत्पादन घटना ही जा रहा है। अनुमानों के अनुसार, बीते साल लगभग 4.5 मिलियन टन उत्पादन हुआ, जो एक साल पहले की तुलना में 3.8% कम था। इससे पहले पिछले एक दशक में वार्षिक अनाज उत्पादन लगभग 4.4 मिलियन टन से 4.8 मिलियन टन तक स्थिर हो गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button