Covid-19 Pandemic: 2022 में कोरोना महामारी के असर खत्म होने के बाद से फाांर्मा और डायग्नॉस्टिक कंपनियों के शेयरों ने निवेशकों को मायूस किया था. लेकिन साल जब खत्म होने को है तो इस सेक्टर के शेयर फिर से लाइमलाइट में है. वजह है चीन में कोरोना महामारी के बिगड़ते हालात जिसने पूरी दुनिया की चिंताएं फिर से बढ़ा दी है. भारत के स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया की कोरोना को लेकर बैठक की खबरों के चलते डायग्नॉस्टिक कंपनियों के शेयरों में जबरदस्त तेजी देखने को मिली है.
देश की दिग्गज पैथलेब कंपनी डॉ लाल पैथलैब लिमिटेड के शेयर में 6 फीसदी का उछाल देखने को मिला है. मेट्रोपॉलिस हेल्थेकेयर के शेयर में 3 फीसदी तो विजया डायग्ननॉस्टिक सेंटर के शेयर में 3.16 फीसदी का उछाल देखने को मिल रहा है. थाइरोकेयर के शेयर में भी 12 फीसदी का उछाल आया है.
फार्मा कंपनियों के शेयरों में खरीदारी लौटी
केवल डायग्नॉस्टिक कंपनियां ही नहीं बल्कि कोविड के खतरे के मद्देनजर फार्मा कंपनियों के शेयरों में भी चमक लौट आई है. ग्लेनमार्क का शेयर 7.31 फीसदी के साथ कारोबार कर रहा है. तो डिविज लैब का शेयर 4.49 फीसदी, बायोकॉन का शेयर 3.64 फीसदी, जायडस लैब का शेयर 3.44 फीसदी की तेजी के साथ कारोबार कर रहा है. लुपिन के शेयर में 3.63 फीसदी का उछाल है. सिप्ला का शेयर 2.41 फीसदी की तेजी के साथ कारोबार कर रहा है.
हॉस्पिटल चेन कंपनियों के शेयर में भी तेजी
डायग्नॉस्टिक फार्मा कंपनियां के अलावा हॉस्पिटल चेन चलाने वाली कंपनियों के शेयर में भी तेजी है. अपोलो हॉस्पिटल 2.94 फीसदी, फॉर्टिस हेल्थ का शेयर 2.84 फीसदी के साथ कारोबार कर रहा है.
क्यों आई इन शेयरों में तेजी?
दरअसल कोरोना के पहले और दूसरे लहर के दौरान डायग्नॉस्टिक फार्मा कंपनियों को जबरदस्त फायदा हुआ है. कोरोना टेस्टिंग की संख्या बढ़ गई थी. हवाई यात्रा के लिए कोरोना टेस्टिंग को जरुरी कर दिया गया था. तो इससे बचने के लिए दवाईयों की मांग बढ़ गई जिसका फायदा फार्मा कंपनियों को हुआ. चीन में कोरोना महामारी फैली तो जाहिर है पूरी दुनिया पर इसका असर पड़ सकता है. ऐसे में कोरोना टेस्टिंग बढ़ जाएगी जिसके चलते डायग्नॉस्टिक फार्मा कंपनियों के शेयरों में तेजी है.