CG : रायपुर में महापौर प्रत्याशियों के पास नकदी से ज्यादा सोना, मीनल और दीप्ति आगे

रायपुर। नगर निगम चुनाव में उतरे महापौर पद के प्रत्याशियों के पास नकदी से अधिक सोना है। पांचवीं पास से लेकर डॉक्टर, वकील सहित अन्य प्रत्याशी अपना दमखम दिखाना शुरू कर दिया है। वहीं, नामांकन के दौरान प्रत्याशियों द्वारा दिए गए संपत्ति के ब्योरे से कई रोचक जानकारियां मिली हैं।

पता चला है कि इस बार महापौर पद के लिए रायपुर नगर निगम से मैदान में उतरीं महिला प्रत्याशियों के पास सोना अधिक है। प्रत्याशियों के पास जहां नकद राशि 10 हजार से लेकर पांच लाख, दस लाख तक है। वहीं, सोना 10 तोला, 15 तोला से लेकर 40 तोला, 50 तोला तक है।

हालांकि, पैतृक संपत्ति के आकलन पर लगभग प्रत्याशी करोड़पति आ रहे हैं। मगर, राशि व सोने के नाम पर भाजपा की मीनल चौबे और कांग्रेस की दीप्ति दुबे सबसे आगे हैं। महापौर के 28 में से 12 प्रत्याशियों और पार्षद के 417 में से 111 प्रत्याशियों ने नाम वापस ले लिया है।

पांचवीं पास प्रत्याशी भी चुनाव मैदान में

महापौर चुनाव में पांचवीं पास प्रत्याशी भी मैदान में हैं। इनके पास पैसा भी ज्यादा नहीं है, लेकिन सोना अपेक्षाकृत अधिक है। नकद और बैंक में जमा राशि के तौर पर कुछ प्रत्याशियों के पास 50 हजार से एक लाख तक है।

अनीता कुलदीप ने भी महापौर के लिए नामांकन भरा है। इनके पास राशि के तौर पर लगभग 10 हजार हैं। वहीं, उनके पास करीब दो तोला सोना है। अब सभी प्रत्याशी जोर-शोर से प्रचार-प्रसार में जुट गए हैं।

कांग्रेस और भाजपा के प्रत्याशी करोड़पति, बाकी लखपति

महापौर की चुनावी जंग में भाजपा की प्रत्याशी मीनल चौबे और कांग्रेस की प्रत्याशी दीप्ति दुबे पैसे, सोना और संपत्ति के मामले में करोड़पति हैं। वहीं, अन्य प्रत्याशियों के पास पैसा, सोना लाखों में ही है।

नामांकन करने वाली कुछ प्रत्याशियों के पास तो नकद के नाम पर 10 हजार से लेकर 50 हजार तक ही है। इसमें अनीता कुलदीप, चांदनी साहू, नंदिनी नायक सहित अन्य हैं। वहीं, गायत्री सिंह, सविता बंजारे सहित अन्य के पास लाखों में कैश मौजूद है।

इन प्रत्याशियों के पास सोना अधिक

पार्टी का नामप्रत्याशीराशिसोना
शक्ति सेनासविता बंजारेतीन लाखछह तोला
जोहार छत्तीसगढ़चांदनी साहू70 हजार10 तोला
शिवसेनाअनीता कुलदीप40 हजारडेढ़ तोला
बसपाडा. सितारा खानपांच लाख10 तोला

 

प्रचार-प्रसार के लिए 10 दिन ही मौका

नगर निगम चुनाव के लिए इस बार प्रत्याशियों को लगभग 10 दिन ही प्रचार-प्रसार करने का मौका मिलेगा, क्योंकि 31 जनवरी नामांकन वापसी की अंतिम तिथि थी। वहीं 11 फरवरी को चुनाव है। चुनाव से 48 घंटे पहले प्रचार-प्रसार बंद हो जाएगा। मगर, बागियों की वजह से कांग्रेस के नेताओं की चिंता बढ़ गई है।

ऐसे में प्रत्येक प्रत्याशी को अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए 10 दिन का ही समय मिलने वाला है। हालांकि, जिन प्रत्याशियों की टिकट कटने के चांस इस बार बिल्कुल भी नहीं था, उनका टिकट भी पार्टियों के द्वारा काट दिया गया है, जिसके चलते ये बगावत पर उतर आए हैं।

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