CG चुनावी सत्र…तंत्र-मंत्र और जादू-टोना… सर्वत्र : टिकट और जीत के लिए बाबाओं, बैगाओं और तांत्रिकों के पास पहुंच रहे नेता

रायपुर। छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े चुनाव की दुंदुभि बज गई है। भाजपा और कांग्रेस के दफ्तरों में छोटे और बड़े नेताओं की आमद-ओ-रफ्त खूब चली और चल रही है। भाजपा ने लिस्ट जारी की और पीछे-पीछे कांग्रेस ने भी। इस बीच कुछ लोग ऐसे भी हैं जो टिकट पाने और टिकट मिलने के बाद जीत के लिए बैगा-गुनिया और तांत्रिको के पास भी जा रहे हैं। नगरपालिक अध्यक्ष, पार्षद, पंच, सरपंच, जनपद व जिला पंचायत के अध्यक्ष पद तक के प्रत्याशी अपनी जीत के लिए पूजापाठ और के प्रत्याशी अपनी जीत के लिए पूजापाठ और तंत्रमंत्र करवाने पहुंच रहे हैं।

प्रदेशभर में ऐसे बाबाओं को खोजा जो पूजा-पाठ करा रहे हैं। कुछ जगह जीत के लिए बकरे की बलि देने, कुछ जगह सात दिन तक लगातार यज्ञ कराने की बात कही गई। कुछ ने जीत के लिए शेर की मूंछ, हाथी के दांत और बकरे मांगे। कुछ ने कहा-सात दिन के यज्ञ के लिए लगेंगे 60 हजार रुपए, आधा पैसा पहले और आधा बाद में लगेगा।

रायगढ़ः दरबार में दावेदारों की भीड़, जीत के लिए मांग रहे आशीर्वाद 

सारंगढ़ के गोडम में इनकी संख्या काफी है। यहां बाबा का दरबार लगता आ रहा है। लेकिन अभी भावी जनप्रतिनिधि भी इस दरबार में मत्था टेककर अपनी हाजिरी दे रहे हैं, और अर्जियां लगा रहे हैं। बता दें सारंगढ़ का गोडम गांव इन दिनों खूब चर्चा में है। यहां बागेश्वर धाम की तर्ज पर दरबार लगता है। जहां बाबा अजय उपाध्याय लोगों की अर्जियां सुनते हैं। महाराज का कहना है कि वैसे उनके यहां हर रोज दरबार लगता है, जिसमें श्रद्धालु अर्जी लगाने आते हैं, लेकिन इन दिनों विशेष तौर पर भावी जनप्रतिनिधि अर्जी लगाने पहुंच रहे हैं।

22 वर्षीय उपाध्याय महाराज खोल रहे पर्चा

रायगढ़ जिला  मुख्यालय से करीब 40 किलोमीटर दूर स्थित गोड़म गांव में 22 वर्षीय अजय उपाध्याय महाराज का धार्मिक प्रभाव बढ़ रहा है। यहां संतोषी माता का मंदिर है, जहां वे अपने शिष्यों के साथ रहते हैं। संतोषी माता मंदिर के पास रहकर वे श्रद्धालुओं के जीवन की जानकारी पर्चा के माध्यम से देते हैं। उन्हें यहां रहते हुए तीन साल हो गए हैं। बागेश्वर धाम सरकार की तरह अजय उपाध्याय महाराज भी पर्चे के जरिए भक्तों के जीवन की पूरी जानकारी देते हैं और उनकी समस्याओं का समाधान करते हैं।

दावाः विधानसभा में दो माह तक चली पूजा, सवा लाख आहुतियां, जीत गए थे प्रत्याशी

राजेंद्र नगर स्थित श्मशान काली मंदिर में भी चुनावी विजयी के लिए विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। ना केवल राजधानी रायपुर बल्कि जिलों के प्रत्याशी भी यहां पूजा दूसरे करवाने आते हैं। मंदिर से लगे हुए श्मशान घाट में जीत के लिए विशेष पूजा होती है। मां बगलामुखी की पूजा यहां जीत के लिए प्रत्याशी करते हैं। मां बगलामुखी की पूजा शत्रुओं पर विजय पाने, वाकसिद्धि, वाद-विवाद में जीत, और जीवन की बाधाओं से मुक्ति पाने के लिए की जाती है। मां बगलामुखी को युद्ध की देवी भी कहा जाता है। यही वजह है कि चुनाव रूपी युद्ध के पूर्व प्रत्याशी विशेष विधि से मां बगलामुखी का पूजन करवाते हैं।

दावाः भाजपा-कांग्रेस दोनों ही पार्टी के प्रत्याशी 

मंदिर के पं. राकेश दुबे के मुताबिक, यहां पूजा करवाने वालों में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टी के प्रत्याशी शामिल रहते हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में चार प्रत्याशियों ने विशेष पूजा करवाई थी। दो माह तक पूजा चली। सवा-सवा लाख आहूतियां सभी के लिए डाली गई। पूजन करवाने वाले चारों ही प्रत्याशी ने विजय हासिल की। इनमें कुछ ऐसे थे, जिनकी टिकट पहले से ही लगभग तय मानी जा रही थी तो कुछ ऐसे थे, जिन्होंने टिकट मिलने की प्रत्याशा में पूजन प्रारंभ करवा दिया था। प्रत्येक चुनाव के पूर्व कोई ना कोई प्रत्याशी विशेष पूजन के लिए संपर्क करता है।

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