रिपेार्ट पेश करने का निर्देश दिया था। सीईओ जनपद पंचायत ने अपनी रिपोर्ट में शिकायतों को सही पाते हुए तत्कालीन सरपंच के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की थी।
0 जब सुनवाई प्रारंभ हुई, सरपंच का कार्यकाल हो गया था समाप्त
Bilaspur High Court- सीईओ जनपद पंचायत द्वारा पेश रिपोर्ट के आधार पर एसडीएम ने सरपंच को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने का निर्देश दिया। जनपद पंचायत सीईओ की रिपोर्ट के बाद जब तक एसडीएम ने सरपंच को नोटिस जारी किया तब तक उनका कार्यकाल समाप्त हो चुका था। लिहाजा सरपंच ने अपने जवाब में इसी बात का उल्लेख किया। तत्कालीन सरपंच ने अपने जवाब में एसडीएम से मांग की कि चूंकि उनका कार्यकाल समाप्त हो गया है इसलिए पंचायती राज अधिनियम की धारा 40 की कार्रवाई को समाप्त कर दिया जाए। पूर्व सरपंच के जवाब के बाद एसडीएम ने जांच रिपोर्ट और आवेदन को नस्तीबद्ध करने का आदेश जारी कर दिया।
पूर्व सरपंच के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग
Bilaspur High Court- याचिकाकर्ता के अधिवक्ता रोहित शर्मा ने कोर्ट के समक्ष पैरवी करते हुए कहा कि एसडीएम का आदेश विधि सम्मत नहीं है। पूर्व सरपंच ने अपने कार्यकाल के दौरान जमकर फर्जीवाड़ा किया है, सगे संबंधियों को नौकरी पर रखा है। दस्तावेजी प्रमाण के अलावा जनपद पंचायत सीईओ की रिपोर्ट के बाद भी एसडीएम ने कार्रवाई नहीं की। अधिवक्ता से कोर्ट से मांग की कि एसडीएम के आदेश को निरस्त कर गड़बड़ी करने वाली सरपंच के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। अधिवक्ता के तर्कों से सहमत होते हुए जस्टिस प्रसाद ने छत्तीसगढ़ सरकार एवं अन्य को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने का निर्देश दिया है। इसके लिए कोर्ट ने चार सप्ताह की तिथि तय कर दी है। कोर्ट ने राज्य शासन व प्रमुख पक्षकारों का जवाब आ जाने के बाद रिज्वाइंडर पेश करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया है।