आम आदमी पार्टी प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी का केंद्र पर आरोप, कहा, आप पार्टी ईमानदार, विपक्ष को कर रहे परेशान
रायपुर: देश के इतिहास में पहली बार किसी जांच एजेंसी ने किसी नेता से पत्र लिखकर माफी मांगी है कि गलती से नाम एफआईआर में दर्ज हो गया। ये दर्शाता है कि सरकार विपक्षी नेताओं को किस तरह से परेशान कर रही है। आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी ने कहा कि ‘आप’ के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह को प्रवर्तन निदेशालय ने चिट्ठी लिखकर माफी मांगी है। इससे केंद्र की मोदी सरकार का चरित्र उजागर हो गया है।
बीजेपी पार्टी अपनी नाकामियों को छिपा रही
कोमल हुपेंडी ने कहा कि ईडी ने पत्र लिखकर बताया कि राज्यसभा सांसद संजय सिंह का नाम गलती से चार्जशीट में आया। ईडी ने अपनी गलती स्वीकार की है। इससे स्पष्ट होता है कि यह पूरा मामला ही फर्जी है। मोदी सरकार आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल जी से डर गई है। बीजेपी शुरु से ही बेबुनियाद आरोप लगाती रही है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार जांच एजेंसियों को आगे करके अरविंद केजरीवाल जी और पार्टी के अन्य नेताओं की छवि खराब करने कोशिश कर रही है। बीजेपी अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए तुष्टीकरण की राजनीति कर रही है।
आप का क्रांतिकारी नेता भाजपा के आगे नहीं झुकेगा
आप प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि मोदी सरकार की नाकामियों उजागर होने लगी हैं। आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिलने से बीजेपी पूरी तरह से डरी हुई है। ऐसे में स्पष्ट होता है कि आम आदमी पार्टी की छवि बिगड़ने के लिए बीजेपी और उनके नेताओं ने इस तरह का षड्यंत्र रचा, इसके बावजूद आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और पार्टी के अन्य नेता बीजेपी के सामने झुके नहीं, कभी डरे नहीं। उन्होंने कहा कि बीजेपी जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर डराने, धमकाने और दबाने का काम कर रही है। लेकिन आम आदमी पार्टी का एक-एक क्रांतिकारी कार्यकर्ता ना कभी झुका है और ना कभी झुकेगा।
विपक्ष को दबा रही भाजपा
कोमल हुपेंडी ने कहा कि भाजपा की तानाशाही, अत्याचार और जांच एजेंसियों के दुरुपयोग को पूरा देश देख रहा है और समय आने पर जनता इसका जवाब भी देगी। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी ने हमेशा विकास की राजनीति की है। विकास के मुद्दों को लेकर जनता के बीच जाती है। लेकिन बीजेपी आम आदमी पार्टी के बढ़ते जनाधार से घबरा गई है। अब तक पार्टी के नेताओं पर जो भी आरोप लगाए गए उसका कोई आधार नहीं है। इसका उदाहरण सबके सामने आ गया है। ईडी ने माफी मांग कर जग जाहिर कर दिया है।