सूर्य ने किया मेष राशि में प्रवेश, इन उपायों को करने से पितृ दोष से मिलती है मुक्ति

ग्रहों के राजा सूर्य देव 14 अप्रैल 2023 को मीन से मेष राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं। सनातन धर्म में इस घटना क्रम को मेष संक्रांति कहा जाता है। मेष संक्रांति के दिन स्नान, दान और तर्पण का बहुत महत्व माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मेष संक्रांति के दिन कुछ उपायों को करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। कुंडली में पितृ दोष हो तो कार्यों में बार-बार रुकावट आती है। परिवार के सदस्य बीमार रहते हैं। घर में अशांति बनी रहती है। पितृ दोष की वजह से लोग आर्थिक रूप से भी परेशान हो जाते हैं। आइए जानते हैं पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए मेष संक्रांति पर किए जाने वाले उपाय।

पितृ दोष से छुटकारा पाने के उपाय

1.मेष संक्रांति पर गंगा या किसी पवित्र नदी में स्नान करने के साथ ही नदी किनारे पितरों का तर्पण करना चाहिए। इस दिन तांबे के लोटे में काला तिल, जौ और लाल फूल मिला कर दक्षिण दिशा की ओर मुख कर पितरों को जल चढ़ाएं और उनसे क्षमा याचना करें।

2.पितृ दोष के प्रभाव को कम करने के लिए मेष संक्रांति पर बेल का फल, सत्तू, आम का टिकोरा और मिट्टी के घड़े में जल भरकर ब्राह्मण को दान करना चाहिए।

3.मेष संक्रांति पर तांबे के लोटे में जल, लाल फूल ,लाल चंदन और रोली डालकर सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए। इसके साथ ही 11 बार ‘ॐ घृणि सूर्याय नमः’ मंत्र का जाप करने से पितृ प्रसन्न होते हैं।

4.पितृदोष से पीड़ित लोगों को मेष संक्रांति के शुभ दिन श्री सूर्यदेव की विधिवत पूजा करनी चाहिए। इसके साथ ही ॐ पितराय नम: मंत्र का 21 बार जाप करना चाहिए।

5.मेष संक्रांति के दिन बिल्वपत्र के पेड़ की जड़ पर थोड़ा सा गाय का कच्चे दूध चढ़ाएं और उसी पेड़ से 21 बिल्व पत्र तोड़कर ले आएं। अब इसे तांबे या चांदी के एक लोटे में रख लें। इसमें गाय का दूध और थोड़े से काले तिल मिला लें। इन सामग्री को शिव मंदिर में जाकर शिवलिंग पर चढ़ाएं। इससे पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।

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