वनाचल की प्रतिभाओ ने रचा इतिहास : जंगलो के बीच बसे स्कूल के 19 बच्चो का नवोदय और एकलव्य विघालय में हुआ चयन

नगरी। आज के दौर में जहां अधिकांश अभिभावक अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा के लिए निजी और कॉन््वेंट स्कूलों की ओर दौड़ाते हैं वहीं छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के सुदूर वनांचल क्षेत्र में स्थित एक सरकारी स्कूल ने शिक्षा की एक नई मिसाल पेश की है।
सीमित संसाधनों और सुविधाओं के अभाव के बावजूद इस प्राथमिक शाला के 19 बच्चों का चयन नवोदय और एकलव्य जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में हुआ है। आदिवासी विकासखंड नगरी के अंतर्गत ग्राम पंचायत घुरावड़ जो कि कांकेर जिले के सीमा पर स्थित एक छोटा सा गांव है। इस ग्राम में कक्षा 1से लेकर कक्षा 10 तक की कक्षाएं संचालित है।
शिक्षक देते हैं कक्षा पहली से ही विशेष ध्यान
इस स्कूल में न तो आधुनिक पाठ्य सामग्री है और न ही अन्य सुविधा, सीमित संसाधनों के बावजूद इस प्राथमिक शाला के कक्षा 5 वी के 43 में से नवोदय विद्यालय में 9 बच्चों का और एकलव्य विद्यालय में 10 बच्चों का, यानी कुल 19 बच्चों का चयन हुआ। ये बच्चे वर्तमान में अध्ययनरत हैं। इन बच्चों की सफलता का कारण जानने के लिए इस स्कूल में गए तो पता चला कि, यहां के शिक्षकों के द्वारा कक्षा 1 से ही बच्चों पर विशेष ध्यान दिया जाता है। जिससे वे कक्षा चौथी तक पहुंचते ही उनकी बेसिक तैयारी पूर्ण हो जाती है। फलस्वरूप शिक्षकों को कक्षा 5 वी में पढ़ाई के लिए बहुत ही सहायता मिलती है।
शाम 6 बजे तक चलती है एक्स्ट्रा क्लास
शिक्षकों द्वारा बच्चों के लिए एक्स्ट्रा क्लास लगाकर उन्हें प्रवेश परीक्षाओं के लिए दक्ष बनाया जाता है, ये शिक्षक कक्षा 5 वी के बच्चों को सुबह 9 बजे से ही स्कूल में बुलाते हैं और शाम 6 बजे तक एक्स्ट्रा क्लास लगाकर पढ़ाते हैं। शिक्षको की कर्तव्यनिष्ठा और लगनशीलता ऐसी है कि, वे गांव में ही रहकर बच्चों के लिए अपना अतिरिक्त समय देकर महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। पिछले वर्षों में भी इस स्कूल से बच्चों का चयन नवोदय और एकलव्य विद्यालय में होता रहा है, परंतु शैक्षणिक वर्ष 2025- 26 के लिए एक साथ 9 बच्चों का चयन होना किसी चमत्कार से कम नहीं है।