रायपुर में बटन दबाते ही धू-धू कर जल उठा 101 फीट ऊंचा रावण का पुतला, सीएम साय ने की रावणभाठा मैदान के लिए 50 लाख की घोषणा
रायपुर। छत्तीसगढ़ में दशहरा पर्व की धूम पूरे राज्य के साथ राजधानी रायपुर में भी देखने को मिली, जहां बुराई के प्रतीक रावण के पुतले का भव्य दहन किया गया। रायपुर के WRS मैदान में आयोजित इस भव्य कार्यक्रम में 101 फीट ऊंचे रावण के पुतले का दहन हुआ, जिसमें मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
इसके बाद मुख्यमंत्री साय रावणभाठा मैदान में आयोजित रावण दहन कार्यक्रम में भी शामिल हुए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने श्री दूधाधारी मठ रावणभाठा के दशहरा मैदान के विकास के लिए 50 लाख रुपये की घोषणा की। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने WRS मैदान में रिमोट का बटन दबाकर रावण के पुतले को जलाया, जो महज दो मिनट में जलकर खाक हो गया।
मुख्यमंत्री साय ने इस मौके पर प्रदेशवासियों से अपील की कि वे अपने भीतर की बुराइयों का अंत करें और रावण का प्रतीकात्मक दहन अपने जीवन की बुराइयों को छोड़ने की प्रेरणा बने। उन्होंने कहा, “भगवान श्रीराम ने अपने 14 वर्ष के वनवास का 10 वर्ष कौशल प्रदेश में बिताया था। इस महान धरती के लोग स्वयं राम, लक्ष्मण और हनुमान बनकर बुराइयों का नाश करने का संकल्प लें।”
उन्होंने आगे कहा, “हमारे लिए यह वर्ष ऐतिहासिक है क्योंकि 500 वर्षों से अधिक संघर्ष के बाद भगवान श्रीराम अयोध्या में विराजमान हुए हैं। यह हर घर के लिए खुशी का अवसर है, जिसे सभी को मनाना चाहिए।”
मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ के लोगों को भगवान श्रीराम का ‘भांचा’ कहा और उनके आदर्शों को आत्मसात करने की अपील की। उन्होंने कहा, “रावण में जितनी भी बुराइयां थीं, उनका नाश करने का संकल्प लें। काम, क्रोध जैसी सभी बुराइयों का त्याग करें और श्रीराम की तरह मर्यादित जीवन जीएं। तभी हमारा और प्रदेश का विकास तेजी से संभव हो सकेगा।”
रावणभाठा में 65 फीट का रावण
ऐतिहासिक रावणभाठा मैदान में दूधाधारी मठ के नेतृत्व में आयोजित रावण दहन कार्यक्रम में हजारों लोग उमड़े। यहां 65 फीट ऊंचे रावण के पुतले का दहन किया गया। दहन से पूर्व दूधाधारी मठ के महंत रामसुंदरदास के सान्निध्य में पूजा अर्चना के पश्चात भगवान बालाजी की पालकी निकाली गई। शोभायात्रा में श्रीराम, लक्ष्मण, हनुमान और वानरों का भेष धारणकर श्रद्धालु मैदान पहुंचे। यहां रामलीला का मंचन करने के पश्चात रावण दहन किया गया।
10 से अधिक मैदानों में जला रावण पुतला
राजधानी में 10 से अधिक मैदानों पर रावण दहन का आयोजन किया गया। शंकर नगर, बीटीआइ मैदान, सप्रे शाला मैदान, बोरियाखुर्द, बिरगांव, कटोरातालाब, चौबे कालोनी, सुंदर नगर, आमापारा, लाखेनगर आदि इलाकों में दशहरा पर्व मनाया गया।