heml

आरक्षण विधेयक पर मचा बवाल : डॉ रमन सिंह ने कहा, महिला राज्यपाल पर आरोप मढ़ रहें दाऊ

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, बिल पर साइन करने में तकलीफ क्यों

रायपुर : पिछले डेढ़ महीने से राजभवन में अटके आरक्षण विधेयकों पर कांग्रेस सरकार की ओर से हो रहे सवाल को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने मुख्यमंत्री पर आरोप लगाया कि वे एक आदिवासी महिला राज्यपाल पर आरोप मढ़ रहे हैं वहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने फिर अपने आरोप दोहराये हैं, उन्होंने पूछा कि बिल पर हस्ताक्षर करने में राज्यपाल को तकलीफ क्यों हो रही है।

मुख्यमंत्री के जगदलपुर रवाना होने से पहले रायपुर हेलीपैड पर प्रेस ने इस बयान को लेकर सवाल किया तो मुख्यमंत्री ने तीखी टिप्पणी की। उन्होंने कहा, इनको (रमन सिंह को) हर बात तोड़-मरोड़कर बोलने की आदत है। वह कुछ और बिल था (जिसकी कॉपी राहुल गांधी ने फाड़ी थी)। यह कुछ और बिल है। यह विधानसभा से पारित बिल है। यह आरक्षण है, यह देश में लागू है इनको हस्ताक्षर करने में क्यों तकलीफ हो रही है। जब आप कर्नाटक में कर सकते हैं तो यहां क्यों नहीं कर सकते। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पूछा, कर्नाटक के राज्यपाल के अलग दायित्व हैं और यहां के राज्यपाल के अलग दायित्व हैं? क्योंकि वहां भाजपा की सरकार है, आप बढ़े हुए आरक्षण बिल पर वहां हस्ताक्षर कर सकते हैं, लेकिन यहां आप हस्ताक्षर नहीं करेंगे। यह दोहरा चरित्र कैसे चलेगा।

सोशल मीडिया में डॉ रमन सिंह ने कहा, दशकों की सत्ता के बाद कांग्रेस ने संवैधानिक पदों को अपनी विरासत समझ लिया

भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने बुधवार को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डाली। लिखा, दशकों की सत्ता के बाद कांग्रेस ने संवैधानिक पदों को अपनी विरासत समझ लिया है। एक समय था जब राहुल गांधी ने देश के सामने अपनी सरकार का अध्यादेश फाड़कर प्रधानमंत्री पद का अपमान किया था। एक आज का छत्तीसगढ़ है जहां दाऊ भूपेश बघेल आदिवासी महिला राज्यपाल पर आए दिन आरोप मढ़ रहे हैं।

भूपेश बघेल ने कहा, आरक्षण विधेयक पर राज्यपाल आखिर क्यों नहीं कर रही हस्ताक्षर

राजभवन की ओर से मंगलवार शाम मीडिया को भेजी गई एक सफाई में कहा गया कि सरकार से उन्होंने क्वांटिफायबल डाटा आयोग की रिपोर्ट मांगी थी, वह अब तक नहीं मिली है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, क्वांटिफायबल डाटा देना कोई जरूरी नहीं है। जो बिल विधानसभा का है। उसमें आर्टिकल 200 हिसाब से फैसले होंगे। राज्यपाल या तो उनपर हस्ताक्षर करें या तो वापस करें। मतलब उसमें (अनुच्छेद 200 में) यह भी लिखा है कि जितना जल्दी हो सके उसमें हस्ताक्षर करें। 2 दिसंबर का यह विधानसभा का फैसला है। आज 25 जनवरी हो गया, कितने दिनों तक लटका कर रखेंगे? अधिकारों का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए।

रमन सिंह ऐसे ही हैं, एक टुकड़ा कहीं पकड़ लेंगे और कहीं की बात कहीं जोड़ देंगे

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, रमन सिंह ऐसे ही हैं। एक टुकड़ा कहीं पकड़ लेंगे और कहीं की बात कहीं जोड़ने की कोशिश करेंगे। उस दिन बागेश्वर धाम के लिए जो बात मैंने की-उस दिन मैंने कहा था, जो साधना करेगा उसे सिद्धि मिल जाती है। सिद्धि मिल जाती है तो उसका दुरुपयोग नहीं होना चाहिए। यह रामकृष्ण परमहंस जी ने भी कहा, भगवान बुद्ध ने भी कहा और हमारे जितने ऋषि-मुनी हैं उन्होंने भी कहा है। मैंने यह भी कहा, वे चाहे पीर हों-फकीर हों वे भी इस तरह से करते हैं या फिर चंगाई सभा करते हैं या हमारे हिंदुओं में भी इस प्रकार के प्रदर्शन करते हैं यह उचित नहीं है। इसमें अब उनको रब दिखाई पड़ता है। उसके सपने में भी यही आता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button