इस बार पांच माह का चातुर्मास, 148 दिन योगनिद्रा में जाएंगे नारायण
देवशयनी एकादशी (29 जून) से लेकर देवप्रबोधिनी एकादशी (23 नवंबर) तक भगवान नारायण 148 दिन के लिए योगनिद्रा में जाएंगे। इस वर्ष अधिक मास श्रावण में आएगा, इसलिए श्रावण भी 30 के बजाय 59 दिन का होगा। इसी कारण चातुर्मास भी पांच महीनों का हो जाएगा। इस दौरान विवाह, उपनयन संस्कार जैसे मांगलिक कार्य नहीं हो सकेंगे।
ज्योतिर्विद के अनुसार चातुर्मास भगवान विष्णु का शयनकाल माना जाता है। तपस्वी भी एक ही स्थान पर रहते हैं। अधिकमास हर तीन साल में एक बार आता है। चातुर्मास से पहले विवाह के छह मुहूर्त शेष हैं। विभिन्न पंचांगों में 11, 12, 23, 24, 26, 27 जून को विवाह के मुहूर्त दिए गए हैं। ज्योतिर्विद् विनायक तिवारी के अनुसार ज्योतिषीय दृष्टिकोण से 2023 कई मायनों में खास रहेगा।
इस बार 19 साल बाद श्रावण मास के साथ अधिकमास के संयोग बन रहा है। श्रावण मास 4 जुलाई से 31 अगस्त तक 59 दिन का रहेगा। इसमें से 18 जुलाई से 16 अगस्त तक अधिक मास रहेगा। इस दौरान आठ सोमवार 10 जुलाई, 17 जुलाई, 24 जुलाई, 31 जुलाई, 7 अगस्त, 14 अगस्त, 21 अगस्त, 28 अगस्त रहेंगे।
DevShayani Ekadashi 2023: इसलिए आता है अधिकमास
ज्योतिर्विद कान्हा जोशी के अनुसार हर साल 11 दिन घट जाते हैं। इस तरह तीन साल में इन घटे हुए दिनों की संख्या 30 से 33 हो जाती हैं। इन्हें समायोजित करने के लिए हर तीन साल में एक अतिरिक्त मास आता है जिसे पुरुषोत्तम या अधिकमास कहते हैं। इसका जिस महीने में समावेश होता है, वह महीना दुगना हो जाता है। इस बार इसका समावेश श्रावण के साथ हो रहा है। इसके चलते श्रावण के बाद आने वाले त्योहार 20-25 दिन आगे बढ़ जाएंगे।
गुरु पूर्णिमा: 3 जुलाई
– कामिका एकादशी (श्रावण कृष्ण पक्ष): 13 जुलाई
– कर्क संक्रांति: 16 जुलाई
– सोमवती अमावस्या: 17 जुलाई
– हरियाली तीज: 19 अगस्त
नागपंचमी: 21 अगस्त
– रक्षाबंधन: 30 अगस्त
– गायत्री जयंती 31 अगस्त
– श्रीकृष्ण जन्माष्टमी: 6 व 7 सितंबर
– हरितालिका तीज: 18 सितंबर
– गणेश चतुर्थी: 19 सितंबर
– अनंत चतुर्दशी: 28 सितंबर
– पितृपक्ष: 29 सितंबर
– सर्वपितृ अमावस्या: 14 अक्टूबर
नवरात्र: 15 अक्टूबर से
– दशहरा: 24 अक्टूबर
– शरद पूर्णिमा: 28 अक्टूबर
– करवा चौथ: 1 नवंबर
– धनतेरस: 10 नवंबर
– रूप चौदस: 11 नवंबर
– दीपावली: 12 नवंबर
– भाई दूज: 14 नवंबर
– देवप्रबोधिनी एकादशी: 23 नवंबर