‘इमरजेंसी’ पर सिख समाज का विरोध : फिल्म प्रदर्शित करने पर उग्र आंदोलन की दी चेतावनी

रायपुर। बीजेपी सांसद और फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत की फिल्म इमरजेंसी को लेकर छत्तीसगढ़ में भी विरोध देखने को मिल रहा है। सिख संगठनों ने इस फिल्म को लेकर चेतावनी दी है। फिल्म इमरजेंसी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के जीवन पर आधारित है। इस फिल्म में 1984 के दंगों को भी दर्शाया गया है।

प्रमुख सिख मिशन छत्तीसगढ़ और इंचार्ज धर्म प्रचार कमेटी एसजीपीसी अमृतसर के गुरमीत सिंह सैनी ने कहा कि, छत्तीसकगढ़ में भी सिख समाज ने कंगना रौनत और उनकी फिल्म इमरजेंसी का विरोध शुरू कर दिया है। रविवार को हुई समाज की बैठक के बाद आज सिख मिशन छत्तीसगढ़ के प्रमुख गुरमीत सिंह सैनी ने प्रदेश के सभी सिनेमा हॉल, थिएटर और मॉल में चल रहे आईनॉक्स के संचालकों को पत्र लिखकर अपील की है कि, सिख धर्म विरोधी फिल्म इमरजेंसी को अपने सिनेमा हॉल, थिएटर, मॉल के आइनॉक्स में प्रदर्शित न करें।

सिख मिशन छत्तीसगढ़ ने एक पत्र जारी किया है जिसमें स्पष्ट किया गया है कि, यदि प्रदेश के किसी भी सिनेमा हॉल, थिएटर आईनॉक्स मॉल के सिनेमा हॉल में यदि कंगना रनौत की फिल्म इमरजेंसी को प्रदर्शित किया गया तो समाज के उग्र आंदोलन का सामना करना पड़ेगा। इसके साथ ही अलग-अलग धाराओं में अपराध भी दर्ज करवाया जाएगा।

अभिनेत्री कंगना रनौत की फिल्म इमरजेंसी में सिख समाज के बारे में दी गई गलत जानकारियां, घटनाओं और सिख समाज को आतंकवादी बताए जाने, पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के सीन और सांसद कंगना रनौत के बयानों के विरोध में सिख समाज आंदोलन के लिए तैयार है। इस बारे में सिख समाज ने राज्यपाल और मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर समाज की भावनाओं और अपनी बातों से अवगत कराने, ज्ञापन सौंपने के लिए जल्द ही मिलने का समय मांगा है।

उल्लेखनीय है कि, कंगना रनौत के बयानों और उनकी फिल्म में सिख समाज के बारे में दिखाई जाने वाली घटनाओं से नाराज पूरे देश में सिख समाज विरोध प्रदर्शन कर रहा है। सिखों की सबसे बड़ी संस्था शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने भी इस बाबत फिल्म सेंसर बोर्ड को पत्र लिखा है और कोर्ट में याचिका भी दायर की है।

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