‘वे घिसी पिटी हिंदू-मुस्लिम स्क्रिप्ट के सहारे’, घोषणा पत्र को लेकर पीएम की टिप्पणी पर खरगे का पलटवार

नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव की तारीखें जैसे-जैसे करीब आ रही है, वैसे-वैसे राजनीतिक दलों ने ताबड़तोड़ रैली शुरू कर दी है। इस बीच, कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे ने सोमवार को भाजपा को आड़े हाथ लिया है। उन्होंने कहा कि भाजपा के पूर्वजों ने स्वतंत्रता संग्राम में भारतीयों के खिलाफ ब्रिटिश और मुस्लिम लीन का समर्थन किया था। गौरतलब है कि पीएम मोदी द्वारा कांग्रेस पर तीखा हमला करने के बाद मल्लिकार्जुन खरगे की प्रतिक्रिया आई है।

भाजपा के वैचारिक पूर्वजों ने अंग्रेजों का साथ दिया था- खरगे

सोशल मीडिया पोस्ट साझा करते हुए मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के राजनीतिक और वैचारिक पूर्वजों ने स्वतंत्रता संग्राम में भारतीयों के खिलाफ ब्रिटिश और मुस्लिम लीग का समर्थन किया था। इनके वैचारिक पूर्वजों ने 1942 में महात्मा गांधी के ‘भारत छोड़ो’ आह्वान का विरोध किया था, जो मौलाना आजाद की अध्यक्षता में किया गया आंदोलन था।

श्यामा मुखर्जी ने लिया था मुस्लिम लीग का साथ- खरगे

मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि हर कोई जानता है कि 1940 के दशक में श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने मुस्लिम लीग के साथ गठबंधन करके बंगाल, सिंध और उत्तर-पश्चिम सीमांत प्रांत में अपनी सरकारें कैसे बनाईं। क्या श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने तत्कालीन ब्रिटिश गवर्नर को यह नहीं लिखा था कि 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन का ‘मुकाबला’ कैसे किया जा सकता है और कांग्रेस को कैसे दबाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा था कि ‘भारतवासियों को अंग्रेजों पर भरोसा करना होगा’? खड़गे ने पूछा.

पीएम मोदी ने कांग्रेस के घोषणा पत्र पर उठाए थे सवाल

बता दें पीएम मोदी ने कांग्रेस के घोषणा-पत्र पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि इसमें मुस्लिम लीग की छाप है, उसके नेताओं के बयानों में राष्ट्रीय अखंडता और सनातन धर्म के प्रति शत्रुता दिखाई देती है। वहीं जेपी नड्जा ने भी कांग्रेस पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया है।

भाजपा की लागत अब खराब- मल्लिकार्जुन खरगे

मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि घिसी पिटी हिंदू-मुस्लिम स्क्रिप्ट का भाजपा सहारा ले रही है। पीएम मोदी पर तीखा तंज करते हुए उन्होंने कहा कि वह डर गए हैं कि भाजपा को 180 सीटों का आंकड़ा पार करने में संघर्ष करना पड़ेगा। भाजपा की स्थिति दिन-ब-दिन बदत्तर होती जा रही है। ऐेसे में आरएसएस को अपने पुराने दोस्त मुस्लिम लीग की याद आने लगी है।

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