कांग्रेस के 19 विधायकों की टिकट खतरे में, परफार्मेंस नहीं सुधरा तो नए को मिल सकता है मौका

रायपुर। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के डेढ़ दर्जन से ज्यादा विधायकों के टिकट पर ख़तरा मंडरा रहा हैं। पार्टी अब विधानसभा चुनाव के उम्मीदवारों के चयन के मोर्चे पर मैदान में उतर गई है। सूबे के 90 विधानसभा क्षेत्र में संभावित प्रत्याशियों की तलाश के लिए कांग्रेस सरकार गोपनीय रिपोर्ट तैयार कर रही है। संकेत हैं कि इसके लिए टीम अपने संभावित दावेदारों से संपर्क भी कर रही है। सर्वे मेें चुनाव को लेकर दावेदारों की तैयारी, फंड और अन्य विषयों की जानकारी ली जा रही है। सूत्रों की माने तो कांग्रेस ने अब तक विधायकों के परफार्मेंस को लेकर चार सर्वे किए हैं, जिसमें करीब 19 विधायकों को डेंजर ज़ोन में रखा गया है।

बता दें, डेंजर जोन में शामिल विधायकों को अपना कामकाज सुधारने के लिए एक साल पहले से ही सूचित किया जा रहा है। सीएम भूपेश बघेल ने विधायकों के टिकट काटने के सवाल पर कहा था कि विधायकों का परफार्मेंस सुधर जाएगा, तो क्यों टिकट कटेगी। हालांकि भाजपा ने जब सवाल उठाया तो मुख्यमंत्री ने दो दिन बाद कहा था कि सभी विधायकों का परफार्मेंस ठीक है। प्रदेश में 90 में से 71 विधायक कांग्रेस के हैं। कांग्रेस के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो विधानसभा चुनाव को लेकर संगठन और सरकार के स्तर पर अलग-अलग सर्वे किया जा रहा है। जिन सीटों पर कांग्रेस के विधायक हैं, उनके कामकाज के साथ ही वहां किसी नए व्यक्ति को टिकट की संभावनाओें पर भी विचार किया जा रहा है। इसके लिए 19 विधानसभाओं पर ज्यादा फोकस रखा गया हैं।

सूबे के कांग्रेस संगठन का एक गुट यह मान रहा है कि जिन क्षेत्रों में वर्तमान विधायकों से नाराजगी है, उन क्षेत्रों में नए उम्मीदवार को मैदान में उतारकर एंटी इनकंबेसी से बचा जा सकता है। सर्वे में टिकट के दावेदारों के रूप मेें नगरीय निकाय में पार्षदों और ग्रामीण क्षेत्र में जिला पंचायत और जनपद पंचायत के जनप्रतिनिधियों की जानकारी जुटाई जा रही है। राजधानी रायपुर के दो विधानसभा सीट पर चार पार्षदों के नाम गोपनीय रिपोर्ट में आए हैं। यह चारों पार्षद पार्षद वर्तमान में जोन अध्यक्ष हैं। एक जोन में आठ पार्षद आते हैं, जबकि एक विधानसभा में लगभग 20 पार्षद आते हैं। ऐसे में सक्रिय पार्षदों के स्थान पर जोन अध्यक्षों का प्रोफाइल जुटाया जा रहा है। जिला पंचायत सदस्यों का दायरा बड़ा होता है, इसलिए यहां अध्यक्ष और सदस्य के बीच भी सर्वे किया जा रहा है। संगठन अपने स्तर पर हर विधानसभा में मज़बूत और जीतने वाले प्रत्याशी को ही चुनाव में उतारने का मन बना रही हैं।

सूत्र तो यह भी बता रहे हैं कि सर्वे मेें जातिगत समीकरण के साथ युवा और महिला प्रत्याशियों की खोज हो रही है। कांग्रेस के राष्ट्रीय संगठन ने तय किया है कि आधी सीट पर 50 वर्ष से कम उम्र के उम्मीदवार को टिकट दी जाएगी। वहीं, विधानसभा में महिलाओें का प्रतिनिधित्व बढ़ाने पर भी जोर दिया जा रहा है। ऐसे में क्षेत्र में सक्रिय युवा और महिलाओें की जानकारी जुटाई जा रही है। इसलिए युवाओं और महिला दावेदारों में भी हलचल हैं। जानकारों की माने तो इस बार पहले से ज्यादा महिला प्रत्याशियों को चुनाव में उतारा जा सकता हैं।

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