सुप्रीम कोर्ट ने कहा- जब चंद्रबाबू नायडू या जगन रेड्डी जीतते हैं

सुप्रीम कोर्ट ने देशभर में बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग वाली जनहित याचिका (PIL) मंगलवार को खारिज कर दी। पिटिशनर केए पॉल ने तर्क दिया कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें (EVMs) छेड़छाड़ को लेकर सुरक्षित नहीं हैं। उन्होंने चंद्रबाबू नायडू और वाईएस जगन मोहन रेड्डी जैसे नेताओं का हवाला देते हुए कहा कि उन्होंने भी ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं।

ईवीएम टेम्परिंग पर सुप्रीम कोर्ट की तल्ख टिप्पणी:

इस पर जस्टिस विक्रम नाथ और पीबी वराले की बेंच ने याचिका को खारिज करते हुए कहा- ‘जब चुनाव जीतते हो, तब ईवीएम में कोई समस्या नहीं होती। लेकिन हारने पर अचानक ईवीएम पर सवाल उठने लगते हैं। यह तर्क कितना तर्कसंगत है?’ उन्होंने कहा- ‘जब चंद्रबाबू नायडू या जगन मोहन रेड्डी हारते हैं, तो कहते हैं कि ईवीएम में छेड़छाड़ हुई, लेकिन जब वे जीतते हैं, तो कुछ नहीं कहते। यह कोर्ट ऐसी बातें सुनने के लिए नहीं है।’

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