कांकेर : जिले के विकासखंड ग्राम मोदे में नौ दिन पहले एक बुर्जुग की मौत हुई थी, जिसे सगे बेटे ने ही मार कर हार्ट अटैक होना बताया था। मृत बाप के बेटी की शिकायत पर आज प्रशासनिक अमले और पुलिस की मौजूदगी में कांकेर नगर से सटे भंडारीपारा में दफन शव को दुबारा खोद कर निकाला गया और पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। जिस गांव में व्यक्ति की मौत हुई थी वहां धर्मांतरण मसले के चलते गांव वालों ने शव दफनाने नही दिया था। जिसके चलते शव को कांकेर में दफनाया गया था। कांकेर में दफनाने में भी वार्डवासियों ने विरोध किया था।
बेटी ने कांकेर एसपी से की थी शिकायत
15 जून को पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे मोदे निवासी मृतक के भाई सगनूराम पटेल ने बताया कि उनके भाई बजरूराम पटेल ने दो शादी की थी। पहली पत्नी की एक बेटी जानकी बाई पटेल है, जिसकी शादी विश्रामपुरी के पलना में हुई है। पहली पत्नी की मौत के बाद उसने दूसरी शादी कुमारी बाई से किया और इसके तीन संतान सुनील कुमार, अंजू और सुनीता हैं।
कुमारी बाई और इसकी तीनों संतान ने इसाई धर्म अपना लिया है, जिसके चलते भाई बजरूराम शराब के नशे में ईसा मसीह को लेकर कुछ न कुछ बोलता रहता था। इससे उसकी पत्नी व बच्चे नाराज हो जाते थे। उनका स्वास्थ्य ठीक था और 7 जून को उनके मरने की खबर उसके बेटे ने परिजनों को दी और कहा कि हार्ट अटैक से मौत हुई है।
गांव वालों के विरोध करने पर उसके धर्म के साथी पहुंचकर शव को लेकर चले गए। उसके बाद ईमलीपारा में शव को दफनाया गया था। यहां भी शव को दफनाने को लेकर विवाद हुआ था और पार्षद ने भी इस मामले की शिकायत किया था।
बाप का चेहरा भी नहीं देख पाई
मृतक की बेटी जानकी बाई पटेल ने बताया कि उसकी शादी ग्राम पलना में हुई है। पिता की मौत की खबर मिलने पर देखने आई पर उनका चेहरा भी नहीं देख पाई और इन लोगों ने दफना दिया। उसने कोरर थाने को लिखे आवेदन में बताया है कि उसके पिता की हत्या सुनील पटेल ने 7 जून को दोपहर को डेढ़ बजे की है।