कर्क राशि में अस्त होनेवाले हैं वक्री शुक्र, इन राशियों के जातकों को बरतनी होगी विशेष सावधानी

प्रेम, सुंदरता और आकर्षण के कारक ग्रह शुक्र, 8 अगस्त 2023 को कर्क राशि में वक्री और अस्त होने जा रहे हैं। वैदिक ज्योतिष में, शुक्र ग्रह का एक ही समय में वक्री और अस्त होना विशेष महत्व रखता है। जब कोई ग्रह सूर्य के बहुत करीब आ जाता है, तो अपनी शक्ति खो देता है। इसे ही ग्रह का अस्त होना कहा जाता है। कुंडली में शुक्र की कमज़ोर स्थिति से जातक को वैवाहिक जीवन, प्रेम संबंध और आर्थिक जीवन में संघर्ष का सामना करना पड़ सकता है। आम तौर पर शुक्र के गोचर की अवधि लगभग 23 दिन की होती है, लेकिन इस बार शुक्र वक्री अवस्था में 7 अगस्त 2023 से 2 अक्टूबर 2023 तक यानी 57 दिनों के लिए कर्क राशि में मौजूद रहेंगे। यानी जातकों पर शुक्र के गोचर का लंबा असर पड़ेगा। आइये जानते हैं कि किन राशियों पर इसका ज्यादा असर पड़ेगा।

मेष राशि

इस राशि के जातकों के लिए शुक्र दूसरे और सातवें भाव के स्वामी हैं। वक्री एवं अस्त शुक्र आपके चौथे भाव में गोचर कर रहे हैं। इस वजह से दूसरे, सातवें और चौथे भाव से जुड़े फलों में कमी आएगी। इस अवधि में आपके भोजन, माता, घरेलू जीवन, वाहन, संपत्ति आदि से जुड़ी परेशानियां आ सकती हैं। धन का संचय करना मुश्किल होगा और पत्नी के साथ संबंधों में तनाव आ सकता है। अपनी वाणी पर नियंत्रण रखें और खान-पान में भी सावधानी बरतें।

वृषभ राशि

वृषभ राशि के जातकों के लिए शुक्र लग्न और छठे भाव के स्वामी हैं। कर्क राशि में शुक्र के वक्री एवं अस्त होने से भाई-बहनों, कम दूरी की यात्रा, संचार कौशल आदि पर प्रभाव पड़ेगा। लग्न भाव के स्वामी के कमजोर होने से स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानियों भी हो सकती हैं। वैसे छठे भाव के स्वामी के अस्त होने से इस दौरान आपके शत्रु आपका कुछ नहीं बिगाड़ पाएंगे। वहीं बीमारियां भी दूर रहेंगे।

कर्क राशि

कर्क राशि के लिए शुक्र चौथे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। ये आपके पहले भाव में गोचर करनेवाले हैं। शुक्र के कमजोर होने से व्यक्तित्व और आत्मविश्वास में कमी दिख सकती है। इसके अलावा धन की समस्या भी हो सकती है। आपकी माता के स्वास्थ्य में गिरावट आ सकती है और पारिवारिक जीवन में सुख की कमी महसूस हो सकती है। वैवाहिक जीवन में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। इस वक्‍त पुराने निवेशों से आपको लाभ होगा।

धनु राशि

धनु राशि वालों के लिए शुक्र छठे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। साथ ही ये वक्री एवं अस्त शुक्र आपके आठवें भाव में गोचर करेंगे। इससे अचानक से होने वाली घटनाओं और गोपनीयता से जुड़े भावों की हानि होगी। ये गोचर आपके लिए अच्छा साबित हो सकता है। अचानक धन लाभ के योग हैं और आकस्मिक हादसों में कमी आएगी। इस दौरान कोई भी फैसला बहुत सोच-समझकर करें। छठे भाव के स्वामी के अस्त होने पर आपके शत्रु या विरोधी आपको किसी भी तरह से हानि नहीं पहुंचा पाएंगे।

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