तोमर बंधुओं की बदमाशी बंद कराने की तैयारी: रायपुर पुलिस बना रही हिष्ट्रीशीट, गिरफ्तार करने घर पर दबिश

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के सूदखोर और हिस्ट्रीशीटर रोहित तोमर की बदमाशियां कम होने का नाम ले नहीं ले रही है। सोमवार की रात उसने और बाउंसरों ने प्रॉपर्टी डीलर दशमीत चावला के साथ मारपीट की थी। जिसके बाद पीड़ित ने उसके खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज करवाई। शिकायत मिलने के बाद पुलिस रोहित और रूबी तोमर के अपराधिक रिकॉर्ड निकालकर बड़े एक्शन की तैयारी में है। रोहित तोमर और उसके भाइयों पर राजधानी के थानों में कई आपराधिक रिकॉर्ड दर्ज हैं।

जिसके बाद मंगलवार को क्राइम ब्रांच और पुलिस के तीन दर्जन से अधिक जवान रोहित तोमर को गिरफ्तार करने पहुंचे। रोहित तोमर के खिलाफ सोमवार को मारपीट और गुंडागर्दी का केस तेलीबांधा थाने में दर्ज हुआ है। इससे पहले भी वह कई गंभीर मामलों में जेल जा चुका है। रोहित तोमर पर सूदखोरी, मारपीट और गोली चलाने के कई संगीन मामले दर्ज है। लेकिन अब तक उस पर किसी भी प्रकार की ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। लेकिन रायपुर ग्रामीण एसपी के निर्देश के बाद अनुमान लगाया जा रहा है कि, इस बार पुलिस उस पर कड़ाई से लगाम लगाने की तैयारी कर रही है।

राजधानी में चलाता है सूदखोरी का अवैध धंधा
उल्लेखनीय है कि, छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में सूदखोरी के अवैध धंधे की बात की जाय तो रोहित तोमर सबसे चर्चित नाम है। उसकी गुंडई के किस्से किसी से छुपे नहीं हैं, फिर चाहे वो किसी क्लब में गोली चलाना हो…या फिर घर में घुसकर जबरन वसूली करना हो। राजधानीवासी इससे काफी परेशान रहे है। फिर चाहे यह सरगना जेल में बंद हो या फिर बाहर लोगों को इससे आतंक से मुक्ति नहीं मिल रही है। किसी की शिकायत पर पुलिस इसे उठाकर जेल में बंद कर देती है तो इसके गुर्गे उसे डराना- धमकाना शुरू कर देते हैं। इस सूदखोर बदमाश के हौसलें इतने बुलंद रहते हैं कि, वह जेल में बंद रहता है तो भी अपने गुर्गों से धमकी दिलवाता रहता है और केस वापस लेने के लिए पीड़ितों को धमकाता रहता है। उसके इसी तरह की हरकतों से तंग एक व्यापारी ने लगभग डेढ़ साल पहले पुलिस से अपने और परिवार की सुरक्षा की मांग की थी।
ज्वेलर की दुकान से जबरदस्ती लेकर जाते थे सोना
शुक्रवार को प्रार्थी जय कुमार बदलनी ने सिटी कोतवाली थाने में जाकर रिपोर्ट दर्ज कराई कि, बदमाश रोहित सिंह तोमर और रूबी तोमर से अपने ज्वेलरी दुकान में पैसे की कमी होने से 5 लाख रूपये ब्याज में कर्ज के तौर पर लिया था। जिसका 1,75,000 रुपए उन्होंने तत्काल ब्याज के तौर पर जमा कर दिया और बाकी 3,25,000/ रुपए किस्तों में दिया। लेकिन तब तोमर भाई उसकी दुकान में आते और 5000 ले जाते। जिसका हिसाब करने कहने पर अभी और पैसा है ऐसा कहकर चले जाते थे। तोमर भाई इतने शातिर थे कि, वे सोना खरीदने उसकी दुकान में आते कुछ रकम देकर बाकी हिसाब में जोड़ देना कह कर चले जाते थे।

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