रायपुर में 1 नवंबर से लागू हो सकता है पुलिस-कमिश्नरेट सिस्टम, डीजीपी  ने बनाई 7 आईपीएस अफसरों की टीम

रायपुर : राजधानी रायपुर में 1 नवंबर में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू होगी. इस व्यवस्था को अमल में लाने के लिए राज्य सरकार ने तेजी से काम शुरु कर दिया है. इसके लिए डीजीपी अरुण देव गौतम ने 7 आईपीएस अफसरों की टीम बनाई है.

डीजीपी ने बनाई 7 आईपीएस अफसरों की टीम

डीजीपी के आदेश पर बनी विशेष समिति छत्तीसगढ़ के डीजीपी अरुणदेव गौतम ने सरकार के निर्देश पर सीनियर एडीजी प्रदीप गुप्ता के नेतृत्व में 7 आईपीएस अफसरों की एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया है.

क्या है पुलिस कमिश्नर प्रणाली?

यह प्रणाली मुख्य रूप से 16 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में फैली हुई है. 2023 में रायपुर और बिलासपुर के लिए प्रस्ताव था, लेकिन अब केवल रायपुर को इसमें शामिल किया गया है. इसका मतलब ये होगा कि कमिश्नरी सिस्टम लागू होते ही पुलिस को कड़े प्रावधान के लिए कलेक्टर के पास नहीं जाना होगा. इसके अलावा मजिस्ट्रेट पॉवर भी पुलिस के पास होगा.

यानी कि अब तक जो पॉवर कलेक्टर के पास होता था, अब वो पुलिस के पास भी होगा. पुलिस ग्राउंड में आयोजित कार्यक्रम में सीएम साय ने तिरंगा फहराया और अपने संबोधन में कहा कि इस प्रणाली से पुलिस व्यवस्था और अधिक सशक्त होगी तथा कानून-व्यवस्था को नया ढांचा मिलेगा.

एडीजी/आईजी को मिलेगी कमान

रायपुर में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू होने से एसपी की जगह पुलिस कमिश्नर मुख्य होंगे, जो आमतौर पर एडीजी या आईजी रैंक के आईपीएस अधिकारी होंगे.. शहर को जोनों में बांटा जाएगा, जिसमें जॉइंट कमिश्नर (जेसीपी), एसपी, डीसीपी और थानेदार एसएचओ कहलाएंगे.

रायपुर की कानून-व्यवस्था होगी सख्त

इस बदलाव से पुलिस को मजिस्ट्रियल पावर मिलेगी, जिससे अपराधों पर त्वरित कार्रवाई संभव होगी और छत्तीसगढ़ इस प्रणाली को लागू करने वाले राज्यों में भी शामिल हो जाएगा.. कुल मिलाकर पुलिसिंग को मजबूत करने के लिए यह फैसला लिया गया है.

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