पीएम मोदी आ सकते है बस्तर : बाढ़ प्रभावित राज्यों का करेंगे दौरा

बस्तर/दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हाल ही में आई बाढ़ और भूस्खलन से बुरी तरह प्रभावित उत्तर भारत के कई राज्यों का दौरा करने वाले हैं। इस दौरान वो बाढ़ प्रभावित राज्यों में स्थिति की समीक्षा करेंगे। पीएम मोदी का यह दौरा लगातार बारिश से हुई तबाही के बीच हो रहा है, जिसने सैकड़ों लोगों की जान ले ली है और बुनियादी ढांचे और कृषि को भारी नुकसान पहुंचाया है। हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, पंजाब और हरियाणा में लगातार हो रही मानसूनी बारिश के कारण इस मौसम में 500 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि पिछले दो दिनों में भूस्खलन, अचानक बाढ़ और मकान ढहने से दर्जनों लोगों की जान चली गई है। राजमार्ग अवरुद्ध हैं, नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, फसलें नष्ट हो गई हैं और हजारों लोग फंसे हुए हैं क्योंकि यह क्षेत्र दशकों में सबसे खराब मौसम आपदाओं में से एक का सामना कर रहा है।

हिमाचल प्रदेश सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्रों में से एक बना हुआ है, जहां मानसून की शुरुआत से अब तक 360 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) के अनुसार, 1,087 सड़कें अभी भी अवरुद्ध हैं, जबकि 2,838 बिजली आपूर्ति लाइनें और 509 जल आपूर्ति योजनाएं बाधित हैं। अनुमान के मुताबिक 3,979.52 करोड़ रुपये से अधिक का आर्थिक नुकसान हुआ है, जिससे सार्वजनिक और निजी दोनों तरह के बुनियादी ढांचे प्रभावित हुए हैं। वहीं पंजाब में बाढ़ ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। राज्य के 23 जिलों के 1,900 से ज्यादा गांव जलमग्न हो गए हैं, जिसके परिणामस्वरूप 43 लोगों की मौत हो गई है। लगभग 1.71 लाख हेक्टेयर फसलें बर्बाद हो गई हैं, जिसके कारण राज्य सरकार ने इस संकट से निपटने के लिए केंद्र से विशेष वित्तीय पैकेज की मांग की है।

जम्मू-कश्मीर में स्थिति में सुधार के संकेत दिख रहे हैं। कई दिनों की भारी बारिश के बाद झेलम नदी और अन्य जलाशयों का जलस्तर कम होने लगा है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने अगले 24 घंटों में क्षेत्र में शुष्क मौसम रहने और केवल कुछ स्थानों पर हल्की बारिश होने का अनुमान लगाया है। उत्तराखंड और अन्य उत्तर भारतीय क्षेत्रों में भी भीषण बाढ़ और भूस्खलन की घटनाएं हुई हैं, जिससे व्यापक संपत्ति का नुकसान हुआ है और दैनिक जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। फिलहाल राहत कार्य जारी हैं। राज्य और केंद्रीय दोनों एजेंसियां बचाव कार्यों का समन्वय कर रही हैं और प्रभावित लोगों को आवश्यक सामग्री वितरित कर रही हैं।

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