PatharChatta ka Paudha: आप यकीन मानें या न मानें लेकिन हर पौधे का अपना विशेष औषधीय गुण है. इसे आयुर्वेद विज्ञान अच्छी तरह से समझता है. इन्हीं लाखों पौधों में से एक है पत्थरचट्टा का पौधा. आयुर्वेद में इसका इस्तेमाल गंभीर बीमारियों जैसे- कैंसर, डायबिटीज, फंगल इन्फेक्शन, सूजन और किडनी की पथरी के इलाज में हो रहा है.
आइए, आज इस आर्टिकल में आपको इसके लाजवाब फायदे और इस्तेमाल के सही तरीके के बारे में बताते हैं. पत्थरचट्टा के फायदों के बारे में जानें.
खांसी, सांस से जुड़ी परेशानी से राहत
आयुर्वेद में पत्थरचट्टा का इस्तेमाल खांसी और सांस से जुड़ी बीमारियों के लिए किया जाता है. अगर, आपको खांसी या दमा जैसी कोई भी परेशानी है, तो इसके पत्ते को पीसकर इसका रस पीकर देखिए. आपको जरूर आराम मिलेगा.
इम्युनिटी को बूस्टर
पत्थरचट्टा में बायोएक्टिव कंपाउंड पाया जाता है, जो इम्युनिटी बूस्टर का काम करता है. रोजाना इसके सेवन से शरीर को इन्फेक्शन से लड़ने की ताकत मिलती है. जो हमें कई बीमारियों से बचाता है.
सूजन से दिलाए छुटकारा
पत्थरचट्टा, का एक विशेष गुण है कि यह सूजनरोधी क्षमताओं के लिए प्रचलित है, जो जोड़ों की सूजन और दर्द को कम करने में असरदार है. यह खासतौर से गठिया से जुड़ी सूजन, दर्द और लालिमा को बहुत कम करता है.
घाव भरने में मदद करे
पत्थरचट्टा की पत्तियों में एंटीसेप्टिक और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो घावों को जल्दी भरते हैं. चोट वाली जगह पर पत्थरचट्टा की पत्तियों को अच्छी तरह कुचलकर लेप बनाकर, लगा लें. कुछ ही दिनों में घाव सूख जाएगा. कोई इन्फेक्शन नहीं रहेगा.
ब्लड शुगर कंट्रोल करे
पत्थरचट्टा में हाइपोग्लाइसेमिक गुण होते हैं, जो ब्लड शुगर लेवल को कम करने में मदद है. ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें फेनिल एल्काइल ईथर नामक एक बायोएक्टिव एंजाइम मौजूद होता है, जो शरीर में इंसुलिन प्रोडक्शन को एक्टिव करके शुगर लेवल को कंट्रोल करता है.
आखिर में जानें कि इसका कैसे करें इस्तेमाल
इसका इस्तेमाल बहुत आसान है. अगर, आपको घाव, चोट या त्वचा संबंधी कोई समस्या है, तो बस पत्थरचट्टा के पत्तों को कुचलकर घाव वाले हिस्से पर लगा लें. आप बहुत जल्द आराम महसूस करेंगे. अगर, आपको किडनी स्टोन, बीपी, कोलेस्ट्रॉल है तो इसके रस या काढ़े का सेवन करें.