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नागोर्नो-काराबाख पर होगा अजरबैजान का कब्‍जा? आखिरी हमला करने की तैयारी में अलियेव की फौज

स्टेपानाकर्ट: अजरबैजान की सेना ने अलगाववादियों के गढ़ नागोर्नो-काराबाख को चारों ओर से घेर लिया है। नागोर्नो-काराबाख की राजधानी स्टेपानाकर्ट तक भी अजरबैजानी सेना की पहुंच हो चुकी है। इससे यहां के निवासियों में इतना डर है कि उन्हें बेसमेंट में छिपने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। अजरबैजान ने तीन दिन पहले आर्मेनिया के खिलाफ जंग का ऐलान किया था।

अजरबैजानी रक्षा मंत्रालय ने इसे एक आतंकवाद विरोधी अभियान बताया था। इसमें मांग की गई कि वे अपने हथियार डाल दें और अलगाववादी सरकार को भंग कर दें। हालांकि, इस दौरान अजरबैजानी सेना ने आर्मेनियाई विद्रोहियों के ठिकानों पर भीषण बमबारी की। अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलियेव ने कहा है कि उनकी सेना नागोर्नो-काराबाख को हासिल किए बिना पीछे नहीं हटेगी।

नागोर्नो-काराबाख पर आखिरी हमले की तैयारी में अजरबैजान

अजरबैजान के हमले के एक दिन बाद ही नागोर्नो-काराबाख के विद्रोही शांति समझौते पर सहमत हो गए और हर शक्त को मान लिया। लेकिन, नागोर्नो काराबाख को अजरबैजान में फिर से कैसे शामिल किया जाएगा, इस पर बातचीत अंतिम समझौते पर नहीं पहुंची है। इस बीच अलगाववादी प्रवक्ता आर्मीन हेरापेटियन ने कहा है कि स्टेपनाकेर्ट में स्थिति भयानक है। अजरबैजान की सेनाएं शहर के चारों ओर हैं। वे बाहरी इलाके में हैं, और लोगों को डर है कि अजरबैजानी सैनिक किसी भी समय शहर में प्रवेश कर सकते हैं और हत्याएं शुरू कर सकते हैं।

नागोर्नो-काराबाख में बिजली-पानी-गैस की किल्लत

हेरापेटियन आर्मेनिया की राजधानी येरेवन में नागोर्नो-काराबाख की अलगाववादी सरकार के सूचना केंद्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने कहा कि स्टेपानाकर्ट और नागोर्नो-काराबाख के अन्य हिस्सों ने अजरबैजान के हमले के बाद अधिकांश बुनियादी सेवाएं खो दी हैं। इसमें बिजली-पानी जैसी बुनियादी जरूरतें भी शामिल हैं। हेरापेटियन ने कहा कि वहां बिजली नहीं, गैस नहीं, भोजन नहीं, ईंधन नहीं, इंटरनेट और टेलीफोन कनेक्शन नहीं है। लोग तहखानों में छिपे हुए हैं। अर्मेनियाई अलगाववादी उन झड़पों के सामने अपने हथियार डालने पर सहमत हुए, जिनके बारे में उनका कहना था कि उनमें 200 लोग मारे गए थे।

अजरबैजान ने नागोर्नो-काराबाख को मदद का किया ऐलान

इस बीत अजरबैजान ने कहा है कि वह नागोर्नो-काराबाख के 120,000 लोगों को भोजन और अन्य मानवीय सहायता पहुंचा रहा है। अज़रबैजान के आपातकालीन स्थिति मंत्रालय ने कहा कि भोजन और सेनेटाइजेशन प्रोडक्ट्स के साथ 20 टन के दो ट्रकों के साथ-साथ ब्रेड के साथ दो ट्रकों को शुक्रवार को नागोर्नो-काराबाख के लिए भेजा गया था। नागोर्नो-काराबाख के लिए आपूर्ति पहले आर्मेनिया से पश्चिम तक आती थी।

आर्मेनिया ने नागोर्नो-काराबाख को लेकर चुप्पी साधी

अर्मेनियाई प्रधान मंत्री निकोल पशिन्यान ने शुक्रवार को एक सरकारी बैठक में कहा कि क्षेत्र के जातीय अर्मेनियाई लोगों को अपने घर छोड़ने की तत्काल कोई आवश्यकता नहीं है, लेकिन कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो आर्मेनिया 40,000 से अधिक लोगों को निकालने के लिए तैयार है। अजरबैजान के विदेश मंत्री जेहुन बायरामोव ने गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र में कहा कि उनका देश जातीय अल्पसंख्यकों के लिए सुरक्षा उपायों सहित देश के संविधान और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दायित्वों के अनुरूप नागोर्नो-काराबाख निवासियों को “सभी अधिकारों और स्वतंत्रता” की गारंटी देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, अजरबैजान के शहर येवलाख में नागोर्नो-काराबाख के साथ बातचीत जारी रहेगी।

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