MP News : मेधावी छात्रों को लैपटॉप देने का मामला, उमंग सिंघार ने साधा निशाना- विपक्ष के कहने पर क्यों जागती है सरकार
भोपाल : मध्य प्रदेश में विधानसभा नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने छात्रों को स्कूटी और लैपटॉप देने को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा है. सोमवार को उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि विधानसभा का सत्र खत्म हो गया. परीक्षा का समय आ गया. जापान से लौटकर अब मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि हम स्कूटी और लैपटॉप देंगे.
‘मेधावी छात्र मध्य प्रदेश के भविष्य हैं’
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि मुख्यमंत्री जी को प्रदेश के मेधावी छात्रों के बारे में गंभीरता से विचार करना चाहिए. योजना को एक साल की वजह हमेशा के लिए होना चाहिए. मेधावी छात्र हमारे मध्य प्रदेश के भविष्य हैं. हम लोगों ने इसकी शुरुआत एक्टिवा देकर की थी. हमारे साथी विधायक भी इसमें शामिल रहे. हम प्रयास कर रहे हैं कि हर विधानसभा क्षेत्र में विधायक सांकेतिक रूप से स्कूटी दे. इसे लेकर हम चर्चा कर रहे हैं.
उन्होंने आगे कहा कि हमारा कहना है कि सरकार विपक्ष के आह्वान पर क्यों जागती है. क्या सरकार के पास पैसे नहीं हैं? क्या सरकार इसे दे नहीं दे सकती है? यदि दे सकती है तो इसे पूरा करे. विधानसभा का सत्र खत्म हो गया. परीक्षा का समय आ गया. जापान से लौटकर अब मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि हम स्कूटी और लैपटॉप देंगे.
‘जापान से लौटकर सीएम ने किया था वादा’
4 दिवसीय जापान यात्रा पूरी करने के बाद सीएम डॉ. मोहन यादव रविवार यानी 2 फरवरी को उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हम मध्य प्रदेश के मेधावी छात्रों को लैपटॉप के लिए राशि देंगे. वहीं स्कूलों की प्रावीण्य सूची (मैरिट लिस्ट) में आने वाले विद्यार्थियों को स्कूटी दी जाएगी. सीएम ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि मध्यप्रदेश सरकार प्रत्येक वर्ग के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है. इसी क्रम में शीघ्र ही विद्यार्थियों को लैपटॉप की राशि तथा प्रावीण्य सूची में आने वाले पात्र विद्यार्थियों को स्कूटी भी प्रदान की जायेगी.
क्या कहती है सरकार की योजना?
मध्य प्रदेश सरकार ने फ्री लैपटॉप योजना 2024 के तहत 12वीं पास करने वाले मेधावी छात्रों को लैपटॉप के लिए 25-25 हजार रुपये देने का फैसला किया है. इसके लिए जिला स्तर पर पर छात्रों के नाम जुटाए गए थे. उनके बैंक खातों की डिटेल मांगी गई थी. पिछले साल कक्षा 12वीं में 90 हजार से अधिक विद्यार्थियों ने 75 फीसदी या इससे अधिक अंक प्राप्त किए थे. टॉप करने वाले छात्रों को लैपटॉप और स्कूटी नहीं मिल सकी थी.