छतरपुर : पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेई की 100वीं जयंती के मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी ने आज मध्य प्रदेश को बड़ी सौगात दी है. लंबे इंतजार के बाद केन-बेतवा लिंक परियोजना की आधारशिला रख दी गई है. छतरपुर जिले के खजुराहो में आयोजित शिलान्यास कार्यक्रम में सीएम मोहन यादव ने कहा कि आज का दिन भारत ही नहीं दुनिया के लिए ऐतिहासिक दिन है.
केन-बेतवा लिंक परियोजना का शिलान्यास
पीएम नरेंद्र मोदी ने खजुराहो में केन-बेतवा लिंक परियोजना का शिलान्यास किया. इस दौरान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम डॉ. मोहन यादव ने कई बातें कहीं. पढ़िए उनके भाषण की बड़ी बातें-
आज का दिन भारत ही नहीं दुनिया के लिए ऐतिहासिक दिन है. आज पीएम नरेंद्र मोदी मध्य प्रदेश की धरती पर पधारे हैं.
जैसे गंगा को धरती पर लाया गया था, वैसे ही नदी जोड़कर मोदी जी आधुनिक भारत के भागीरथ बन गए हैं.
मध्य प्रदेश में जब भी सूखे की खबर आती थी तो बुंदेलखंड का नाम सबसे पहले जहन में आता था. लोग अपने घरों के गेट निकालकर उन्हें ईंटों से पैक करके रोजगार की तलाश में घर छोड़कर चले जाते थे. बड़ा कष्ट होता था कि हमारा ये क्षेत्र सालों तक सूखे का दंश झेलता रहा.
कांग्रेस के लोग आते थे. सूखा दूर करने के लिए बड़े-बड़े वादे करते थे, लेकिन कुछ नहीं किया.
अब नदी जोड़ो परियोजना से 10 जिलों को सिंचाई के लिए भरपूर पानी मिलेगा.
चंबल नहर परियोजना से भी किसानों को लाभ मिलेगा.
प्रदेश में नवीन ऊर्जा के लिए ओंकारेश्वर में फ्लोटिंग सोलर परियोजना का शुभारंभ हो रहा है.
कांग्रेसियों को PM मोदी द्वारा आज का भूमिपूजन कार्यक्रम और लोकार्पण अच्छा नहीं लग रहा है. उनकी मति मारी गई है.
हमारी सरकार ने एक साल पूरे होने पर 11 दिसंबर से एक महीने तक जनकल्याण पर्व की शुरुआत की है. इस दौरान पात्र हितग्राहियों को लाभ दिया जा रहा है. जनता के हित के लिए घर-घर जाकर अभियान चलेगा.
आज श्रद्धेय अटलजी की 100वीं जयंती है. उनकी जन्मस्थली ग्वालियर में आज गौरव दिवस मनाया जा रहा है.
प्रदेश में शासकीय पदों पर भर्तियां शुरू हो चुकी हैं. मध्य प्रदेश के अलग-अलग शहरों में 6 रीजनल इन्वेस्टमेंट समिट की जा चुकी हैं.
हमारी सरकार ने साल 2025 को उद्योग वर्ष के रूप में मनाने का निर्णय लिया है.
एमपी के 10 जिलों को मिलेगा लाभ
केन-बेतवा लिंक परियोजना से प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र और आसपास के 10 जिलों को लाभ मिलेगा. इनमें पन्ना, दमोह, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, सागर, रायसेन, विदिशा, शिवपुरी और दतिया जिले शामिल हैं.
परियोजना का उद्देश्य
यह परियोजना उन क्षेत्रों में जल संकट को दूर करने का लक्ष्य रखती है, जहां जल की कमी प्रमुख समस्या बन चुकी है. इससे कृषि क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा बढ़ाई जाएगी, जिससे किसानों को फसल उत्पादन में मदद मिलेगी. जल स्तर में सुधार और जल संचयन की क्षमता बढ़ाने में मदद मिलेगी.