बागेश्वर धाम महाराज के दिव्य दरबार में तीन लोगों ने धर्म वापसी करके सनातन धर्म को अपनाने की घोषणा की

दिव्य दरबार में मुस्लिम युवती ने हिन्दू धर्म को अपनाने की घोषणा करते हुए कहा, “सनातन धर्म है श्रेष्ठ”

रायपुर।  बागेश्वर धाम के महाराज पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के दिव्य दरबार में शनिवार को ओडिशा के तीन लोगों ने धर्म वापसी करके सनातन धर्म को अपनाने की घोषणा की। एक मुस्लिम युवती ने भी हिन्दू धर्म को अपनाने की घोषणा करते हुए कहा कि सनातन धर्म श्रेष्ठ है। इसमें भाई बहन की शादी नहीं होती। तीन तलाक कहकर छोड़ नहीं दिया जाता। मंच से महाराज ने सभी का स्वागत किया।

इससे पहले दिव्य दरबार में महाराज ने अनेक भक्तों की अर्जी सुनी। उनकी समस्याओं को पूछे बिना ही पहले से ही कागज पर लिखकर रखा और समाधान करने बागेश्वर बाबा पर विश्वास रखने कहा। एक भाजपा नेत्री से कहा कि वे चुनाव लड़ने की इच्छुक हैं, इस पर नेत्री ने स्वीकार किया कि वे दक्षिण विधानसभा से चुनाव लड़ना चाहती हैं। भाजपा से टिकट पाने के लिए प्रयासरत भी हैं। एक महिला से कहा कि उनकी बेटी का मर्डर हो चुका है, तुम्हारा तलाक हो चुका है। एक से कहा कि तुम्हारे बेटे को गुस्सा आता है, उसका कैरियर बन जाएगा। एक महिला को ढाई साल के भीतर संतान होने की बात कही।महाराज ने कहा कि पादरियों के चक्कर में न पड़ें। दरबार के दौरान ही अनेक महिलाओं को भूत का साया चढ़ा और वे झूमने लगी। महाराज ने हनुमान चालीसा की चौपाई गाकर उन्हें शांत किया।

महाराज ने कहा कि वे कोई चमत्कार का दावा नहीं करते। रायपुर वालो, अंधविश्वास और तंत्र-मंत्र के फेर में कभी मत पड़ना। पाखंडियों से दूर रहना। महाराज ने लगातार तीसरे दिन फिर कहा कि जिन पाखंडियों ने मुझ पर आरोप लगाया है, वे दरबार में आएं, आजमाएं, उन्हें पानी पिला देंगे। भारत के करोड़ो लोग श्रीराम, हनुमान की भक्ति करते हैं। यदि हनुमान की भक्ति करना अंधविश्वास है तो प्रत्येक भक्त को जेल भेज दो। भारतीय संविधान प्रत्येक व्यक्ति को अनुच्छेद 25के तहत सभी को अपने धर्म का प्रचार करने का अधिकार प्रदान करता है। हम यदि सनातन धर्म की अलख जगा रहे तो क्या गलत कर रहे।

दिव्य दरबार के एक घंटे बाद कथा प्रारंभ करने के दौरान पं.शास्त्री की आंखों से आंसू छलक पड़े। उन्होंने कहा कि देशभर से मीडिया वाले हमें एक्सपोज करने आए थे। बालाजी ने रायपुर के गुढ़ियारी मैदान में इतिहास रच दिया। हम पर लगाए गए आरोप से हम दुखी थे, पूरी रात नहीं सो पाए, हमारी संन्यासी बाबा से लड़ाई हो गई कि हम पर लोग उंगली उठा रहे। सुबह हमें नींद लगी और बाबा ने सपने में आकर आशीष दिया कि हमारा कुछ नहीं बिगड़ेगा। सभी कार्यकर्ता भी परेशान थे, आखिरकार चार लाख लोगों के सामने लगे दरबार में सत्य की जीत हुई। महाराज ने कहा कि हमने अब प्रण लिया है कि किसी को परीक्षा नहीं देंगे। बालाजी की कृपा से रायपुर की धरती से पूरे देश में संदेश गया है। हम सनातन धर्म को बचाने के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर देंगे। दरबार में चुनौती स्वीकार करके हमने मुंह तोड़ जवाब दिया है। इससे पाखंडी लोग तिलमिला गए हैं, विधर्मी लोग कुछ और तर्क निकालेंगे। हम सनातनियों को उन विधर्मियों से डरना नहीं है।

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