कृषक उन्नति योजना पर अमल शुरू : धान के बदले दलहन, तिलहन पर किसानो को मिलेंगे प्रति एकड़ 11 हजार

रायपुर। राज्य सरकार ने कृषक उन्नति योजना पर क्रियान्वयन शुरु कर दिया है। इस संबंध में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में कैबिनेट में निर्णय लिया गया था। धान की जगह दलहन-तिलहन उगाने वाले किसानों को प्रति एकड़ 11 हजार रुपए अनुदान सहायता राशि दी जाएगी।
अब जारी हुआ ये निर्देश
राज्य सरकार ने प्रदेश के किसानों की चिंता करते हुए कृषि उन्नति योजना के बेहतर क्रियान्वयन के निर्देश दिए हैं। इस संबंध में मंत्रालय महानदी स्थित कृषि विकास एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा प्रदेश के सभी कलेक्टरों, संभाग आयुक््तों, संचालकों, प्रबंध संचालकों एवं पंजीयक सहकारी संस्थाएं रायपुर को पत्र लिखकर कृषि उन्नति योजना के क्रियान्वयन हेतु दिशा-निर्देश दिए गए हैं। नवीन दिशा-निर्देशों के आधार पर योजना का क्रियान्वयन खरीफ 2025 से किया जाएगा।
इन किसानों को मिलेगी सहायता राशि
विगत खरीफ में एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीकृत ऐसे कृषक जिन्होंने धान फसल लगाया हो तथा प्रदेश की सहकारी समितियों में समर्थन मूल्य पर धान विक्रय किया हो, उन्हें, धान के स्थान पर अन्य खरीफ फसल हेतु एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीयन तथा गिरदावरी में रकबे की पुष्टि उपरांत, मान्य रकबे पर 1000 रूपये प्रति एकड़ की दर से आदान सहायता राशि प्रदान किया जाएगा। खरीफ में दलहन, तिलहन, मक्का लघु धान्य फसल (कोदो,कुटकी एवं रागी) एवं कपास लेने वाले कृषकों को एकीकृत किसान पोर्टल पर पंजीयन तथा गिरदावरी में रकबे की पुष्टि उपरांत मान्य रकबे पर राशि रूपये 11000 प्रति एकड़ की दर से आदान सहायता राशि प्रदान किया जाएगा।
ये लाभ केवल पंजीकृत किसानों को
कृषक उन्नति योजना का लाभ केवल उन्हीं कृषकों को मिलेगा जिन्होंने एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीयन कराया हो। जिनके द्वारा खरीफ मौसम में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक से संबद्ध प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियो (लैम्पस सहित) अथवा छ.ग. राज्य बीज एवं कृषि धान अथवा धान बीज का. विक्रय किया गया हो। विगत खरीफ मौसम में एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीकृत ऐसे कृषक जिन्होंने धान फसल लगाये हो तथा प्रदेश की सहकारी समितियों में समर्थन मूल्य पर धान विक्रय किया हो तथा वर्तमान में धान के स्थान पर अन्य खरीफ फसल लेने हेतु पंजीयन कराया हो। जिनके द्वारा खरीफ मौसम में दलहन, तिलहन, मक्का लघु धान्य फसल (कोदो, कुटकी एव ‘रागी) एवं कपास फसल के लिए पंजीयन कराया गया हो।
इसलिए जरूरी है ये सहायता राशि
मंत्रालय द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि राज्य का अधिकांश क्षेत्र वर्षा आधारित होने से मौसमी प्रतिकूलता एवं कृषि आदान लागत में वृद्धि के कारण कृषि आय में अनिश्चितता बनी रहती है, इस वजह से कृषक फसल उत्पादन के लिए आवश्यक आदान जैसे उन्नत बीज, उर्वरक, कीटनाशक, यांत्रिकीकरण एवं नवीन कृषि तकनीकी में पर्याप्त निवेश नहीं कर पाते।
धान पर मिलेंगे 14 हजार 931 रुपए प्रति एकड
खरीफ 2025 में प्रदेश के किसानों से उपार्जित धान की मात्रा पर, धान (कॉमन) पर राशि रू. 731 प्रति कि. की दर से अधिकतम राशि रूपये 15351 प्रति एकड़ तथा धान (ग्रेड-ए) पर राशि रुपये. 711 प्रति कि. की दर से अधिकतम राशि रुपये. 4931 प्रति एकड़ की दर से आदान सहायता राशि प्रदान की जाएगी।
इन्हें नहीं होगी पात्रता
पत्र में कहा गया कि विधिक व्यक्तियों जैसे ट्रस्ट, मण्डल, प्राविट लिमि. समिति, केन्द्र एवं राज्य शासन के संस्थान, महाविद्यालय आदि संस्थाओं को योजना से लाभ लेने की पात्रता नहीं होगी। जो कृषक प्रमाणित धान बीज उत्पादन कार्यक्रम लेते हैं और सामान्य धान भी सहकारी समितियों में विक्रय करते हैं. उनके द्वारा कुल विक्रय की जाने वाली धान की मात्रा, उनके कुल धारित रकबे की सीमा से अधिक नहीं होना चाहिये, इसे छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ (मार्कफेड) एवं छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम लिमिटेड द्वारा आपसी समन्वय से किया जाएगा। कृषकों को आदान सहायता राशि का भुगतान कृषि भूमि सिलिंग कानून के प्रावधान के अध्याधीन किया जाएगा।
बैंक खाते में आएगी राशि
पत्र में कहा गया कि कृषकों को भुगतान योजनांतर्गत आदान सहायता राशि कृषकों के बैंक खाते में प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डी.बी.टी.) के माध्यम से की जाएगी। प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति/छ.ग. राज्य बीज एवं कृषि निगम लिमि, (बीज निगम) को धान/धान बीज का विक्रय करने वाले कृषकों को आदान सहायता राशि का निर्धारण गिरदादरी में सत्यापित रकबे, उपरोक्त संस्थाओं को विक्रय धान, धान बीज की मात्रा तथा भारत सरकार द्वारा प्रतिवर्ष घोषित किए जाने वाले न्यूनतम समर्थन मूल्य के आधार पर प्रतिवर्ष अलग से किया जाएगा।