महाभारत काल में एक विद्वान थे। जिनका नाम महात्मा विदुर है। महात्मा विदुर की चतुराई और नीतियां आज भी महान है। विदुर नीति व्यक्ति की उन्नति का आधार स्तंभ है। विदुर धृतराष्ट्र के सौतले भाई थे। विदुन कूटनीति, राजनीति और अर्थशास्त्र के विशेषज्ञ थे। विदुर ने व्यावहारिक जीवन के बारे में महत्वपूर्ण बाते बताई है। इन बातों को अपनाकर सफलता प्राप्त कर सकते है।
विदुर नीति के अनुसार काम, क्रोध और लालच नरक के दरवाजे हैं। ये तीनों चीजें आत्मा को नष्ट करने वाली है। इसलिए काम, क्रोध और लोभ से दूर रहें।
व्यक्ति को जीवन में अच्छे काम करने चाहिए। अच्छे कर्म करने वाले जातक को पंडित कहा जाता है।
विदुर नीति के अनुसार, कभी भी उन लोगों पर भरोसा नहीं करना चाहिए जो भरोसे के लायक नहीं हैं। उन पर भरोसा करें जो भरोसेमंद हो।
विदुर नीति के अनुसार, अगर आपका सम्मान किया जाता है तो बहुत ज्यादा खुश न हो। साथ ही अपमान होने पर क्रोध न करें। ये गुण आपको बुद्धिमान व्यक्ति बनाते हैं।
विदुर नीति के अनुसार, मन बहुत चंचल होता है। जो व्यक्ति अपने मन पर नियंत्रण नहीं रख सकता है। वह कभी सफल नहीं होता। अगर मन पर नियंत्रण कर लिया तो कुछ भी हासिल कर सकते हैं।
महात्मा विदुर कहते हैं कि कोई भी काम शुरू करने से पहले अच्छे से सोच-विचार करें। कार्यों में सफलता निश्चित है।
विदुर नीति के अनुसार, जो बलवान होने पर क्षमा कर सकता है। गरीब होने पर दान दे सकता है। उस व्यक्ति को स्वर्ग में स्थान मिलता है।