बृहस्पति ग्रह का गोचर अशुभ हो तो जरूर करें ये उपाय

गुरु बृहस्पति को देवताओं का गुरु माना गया है और 22 अप्रैल 2023 को सुबह 3:33 बजे गुरु ग्रह अपनी स्वराशि मीन राशि से निकलकर अपनी मित्र राशि मेष राशि में प्रवेश कर चुके हैं। बृहस्पति का गोचर मेष राशि में होने पर वहां पहले से ही मौजूद राहु वृहस्पति से संयोग करेंगे और इन दोनों की यह युति गुरु – चांडाल दोष का प्रभाव भी दिखाएगी। यह स्थिति कई राशि के जातकों के लिए अशुभ हो सकती है।

ये उपाय जरूर करें

– रोज सुबह सूर्य भगवान को जल अर्पित करें। इस दौरान सिर्फ सादा पानी ही तांबे के बर्तन में भरकर सूर्य देव को अर्पित करना चाहिए ।

सुबह और शाम गुरु मंत्र का जप करिएगा। अगर आपने दीक्षा ली है, जो अपने गुरु की ओर से मिले मंत्र का जप जरूर करें।

– हर बृहस्पतिवार को किसी धर्म स्थान पर जाएं। आप जिस भी धर्म, मत या संप्रदाय के मानने वाले हैं। उसके धर्म स्थान पर जाकर प्रार्थना करें।

खानपान में अपने सात्विकता बनाए रखें। यह कोशिश करकें कि मांस, मदिरा इत्यादि का सेवन करना। गोचर अवधि के दौरान पूरी तरह से बंद कर दें।

– ज्यादा से ज्यादा सफेद वस्त्रों का ज्यादा प्रयोग करें। ऐसा करने से बृहस्पति के राशि परिवर्तन से जो नकारात्मक प्रभाव है, वो आपको परेशान नहीं करेगा।

अक्टूबर में राहु अपनी राशि बदल करके मीन राशि में चले जाएंगे और राहुल जब अपनी राशि बदल देंगे तो बृहस्पति राहु का जो कॉम्बिनेशन है वो भंग हो जाएगा तो अक्टूबर के बाद यही बृहस्पति ज्यादातर लोगों को फायदे पहुंचाएंगे और ज्यादातर लोगों के काम बनाएंगे।

– अप्रैल से अक्टूबर तक ये परिवर्तन नकारात्मक होगा, परेशानी वाला होगा लेकिन अक्टूबर के बाद से और अगले साल के मई तक ये परिवर्तन अच्छे परिणाम देगा और लोगों के जीवन की मुश्किलों को दूर कर देगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button