ड्रग्स में भी हनी ट्रैप : इंटीरियर डिजाइनर मुंबई से गिरफ्तार, ड्रग खपाने में मास्टर माइंड थी नव्या मलिक

रायपुर। ड्रग के अवैध धंधे में भी हनी ट्रैप की एंट्री हो गई है। पिछले सप्ताह 28 ग्राम के करीब सिंधेटिक ड्रग एमडीएमए के साथ गिरफ्तार हर्ष आहूजा, मोनू विश्रोई, दीप धनोरिया की निशानदेही पर पुलिस ने पेशे से इंटीरियर डिजाइनर नव्या मलिक तथा एक अन्य को मुंबई से गिरफ्तार किया है। ड्रग खपाने में नव्या मास्टर माइंड थी। हर्ष तथा अन्य के पकड़े जाने के बाद नव्या दिल्‍ली से मुंबई फरार हो गई थी। पुलिस ने तकनीकी साक्ष्य की मदद से नव्या को गिरफ्तार किया है।

पुलिस को जो जानकारी मिली है, उसके मुताबिक नव्या मुंबई, दिल्‍ली जैसे महानगरों से ड्रग्स लाकर राजधानी में युवा कारोबारी, रसूखदारों को अपने हु के जाल में फंसाकर ड्रग लेने मजबूर करती थी। पुलिस को जो जानकारी मिली है, उसके मुताबिक नव्या राजधानी के चर्चित लोगों के संपर्क में थी।

नव्या के मोबाइल की जांच के बाद पता चलेगा कि वह किन लोगों के संपर्क में थी। साथ ही नव्या से संपर्क रखने वाले कितने लोग ड्रग कारोबार में जुड़े हैं और सेवन करने वाले लोग हैं। नव्या रायपुर और आसपास के इलाकों में होने वाले बड़े इवेंट्स, क्लब्स की हाईप्रोफाइल पार्टीज, आफ्टर पार्टीज और प्राइवेट पार्टीज को निशाने पर रखती थी।

कई बार विदेश यात्रा पर जा चुकी

नव्या के पुलिस को कई देशों की यात्रा करने के साक्ष्य मिले हैं। नव्या को कोर्ट में पेश कर पुलिस ने पूछताछ करने पुलिस रिमांड पर लिया है। पूछताछ में पुलिस जानकारी जुटाने की कोशिश करेगी कि नव्या का विदेश यात्रा करने का उद्देश्य क्या था। पुलिस इस बात की भी पड़ताल कर रही है कि नव्या का किसी इंटरनेशनल ड्रग रैकेट के साथ कनेक्शन तो नहीं है।

मुंबई, दिल्‍ली के बाद रायपुर तक फैला जाल

मुंबई, दिल्‍ली जैसे महानगरों में ड्रग सप्लाई करने के साथ ही नव्या ने रायपुर को अपने निशाने पर लिया। यहां उसने ड्रग का जाल फैलाने डेरा जमाया। नेटवर्क तैयार होने के बाद नव्या अपने मित्र हर्ष के पास मूल रूप से हरियाणा निवासी मोनू विश्नोई के माध्यम से यहां ड्रग भेजने लगी। नव्या तथा उसके साथियों द्वारा रायपुर तथा आसपास के शहरों में लंबे अरसे से ड्रग खपाने का काम किया जा रहा है।

रिच लाइफ स्टाइल से फंसाती थी.

पेशे से इंटीरियर डिजाइनर नव्या रिच लाइफ स्टाइल में रहती थी। इस वजह से आयोजित पार्टी में आकर्षण का केंद्र रहती थी। अपने इसी आकर्षण का फायदा उठाकर वह संपन्न वर्ग के युवाओं से दोस्ती करती थी। दोस्ती करने के बाद उन्हें अपने जाल में फंसाकर ड्रग लेने का आदी बनाती थी। इसके बाद वह उन लोगों के माध्यम से क्लब तथा अन्य पार्टियों में एंट्री कर ड्रग खपाने का काम करती थी।

खुद ड्रग एडिक्ट है नव्या

पुलिस को जो जानकारी मिली है, उसके मुताबिक नव्या ने रायपुर में स्वयं का इंटीरियर डिजाइन का काम शुरू किया। इंटीरियर के काम से नव्या का मुंबई, दिल्‍ली आना-जाना लगा रहता था। साथ ही वहां आयोजित पार्टियों में वह शामिल होती थी। महानगरों में आयोजित रेव पार्टी में शामिल होने की वजह से नव्या ड्रग एडिक्ट हो गई। एडिक्ट होने के बाद वह पैडलर बन कर मुंबई, दिल्‍ली के क्लब, पार्टी में ड्रग सप्लाई करने लगी।

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