रायपुर। कई देशों में कोविड-19 के बढ़ते केस को देखते हुए केंद्र सरकार लगातार नजर रखे हुए और राज्यों को इस बारे में दिशा निर्देश भी दे रही है. वहीं दुनिया में कोरोना के बढ़ते हुए खतरे को देखते हुए अपनी तैयारी के लिए सरकार ने मंगलवार (27 दिसंबर) को देश भर के अस्पतालों में मॉक ड्रिल करने का फैसला किया है. इस बारे में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने राज्यों को चिट्ठी लिखकर निर्देश दिए हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से लिखे लेटर में स्पष्ट किया गया कि दुनिया में बढ़ते कोरोना केस को ध्यान में रखते हुए ये जरूरी है कि सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए आवश्यक सार्वजनिक स्वास्थ्य उपाय किए जाए. कोविड-19 स्वास्थ्य सुविधाओं की तैयारी यह सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है कि राज्य कोरोना के मामले बढ़ने पर मेडिकल देखभाल की जरूरतों को पूरा करने के लिए तैयार हैं.
मॉक ड्रिल में इन मापदंडों पर ध्यान दिया जाएगा
- सभी जिलों को कवर करने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं की भौगोलिक रूप से उपलब्धता हो.
- बेड कैपेसिटी जैसे आइसोलेशन वार्ड/बेड, ऑक्सीजन सपोर्ट वाले आइसोलेशन बेड, आईसीयू बेड और वेंटिलेटर समर्थित बेड हो.
- मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिक्स, आयुष डॉक्टर और अन्य फ्रंटलाइन वर्कर, जिनमें आशा, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता शामिल हैं.
- कोरोना टेस्ट लेबोरेटरी की संख्या और क्षमता, आरटी-पीसीआर RT-PCR और RAT किट की उपलब्धता, परीक्षण उपकरण और अभिकर्मकों की उपलब्धता देखी जाएगी.
- एसेंशियल दवाओं, वेंटिलेटर, बीआईपीएपी, एसपीओ सिस्टम, पीपीई किट और एन-95 मास्क जैसी चीज भी देखी जाएगी.
- ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स, ऑक्सीजन सिलेंडर, पीएसए प्लांट, लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन स्टोरेज टैंक, मेडिकल गैस पाइपलाइन सिस्टम सही हो और चलते हो इसको भी देखा जाएगा.
केंद्र को देनी होगी जानकारी
ये मॉक ड्रिल संबंधित जिला कलेक्टरों/जिलाधिकारियों, राज्य/संघ और राज्य क्षेत्र के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ सलाह कर की जाएगी. ड्रिल को हर राज्य के हर जिले में करना जरुरी होगा. राज्य सरकार को इसकी जानकारी केंद्र सरकार से साझा करनी होगी.