छत्तीसगढ़ में हो रहा नकली नोटों का कारोबार..

रायपुर।  राजधानी सहित छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में नकली नोटों का कारोबार जोर पकड़ चुका है। पूरा प्रदेश नकली नोटों का बाजार बन गया है। कुछ साल पहले तक नक्सलगढ़ के बाजारों में नकली नोटों का इस्तेमाल होता था लेकिन अब राजधानी समेत सभी जिलों में इनका चलन है। छत्तीसगढ़ में जाली नोटों के कारोबार में कई गिरोह सक्रिय हैं। यह अनुमान लगाया गया है कि स्थानीय बाजारों में पांच से छह मिलियन मूल्य के नकली नोटों का उपयोग किया जाएगा। इसका अंदाजा नोटबंदी के बाद से राज्य में नकली नोटों के मामलों की संख्या से लगाया जा सकता है। छूट प्राप्त राजनेता, कुछ असामाजिक, सटोरिए और क्रिकेट व्यवसायी, जुए के अड्डे चलाने वाले से लेकर यात्रा करने वाले उद्यमी नकली नोटों के व्यापार में शामिल हैं। वहीं, नक्सली अपनी आर्थिक जरूरतों के लिए नकली नोट के सौदागरों से भी संपर्क बनाए रखते हैं। नकली नोट के धंधे में भारी कमाई के चलते जुए के अड्डे सत्य अड्डा के संचालकों की अहम भूमिका होती है।

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नकली नोट के धंधे में सबसे ज्यादा सहयोग करने वाले नेताओं को 10% सिटिंग कमीशन मिलता है। जानकारों के मुताबिक नकली नोट के कारोबार में 40 फीसदी का शुद्ध मुनाफा होता है. इस 40 फीसदी मामले में धंधे नंबर दो वाले नकली नोट के धंधे में शामिल हैं. नकली नोटों के बाजार में आने से देश को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। नकली करेंसी के व्यापार को रोकने के लिए केंद्रीय एजेंसियां, केंद्र सरकार के अधिकारी और राज्य की खुफिया एजेंसियां ​​कदम उठा रही हैं। ताकि इस अवैध धंधे को रोका जा सके। दो दिन पहले रायपुर के बाजार में कुछ नकली नोटों का इस्तेमाल हुआ था। पुलिस इन नोटों के बारे में जानकारी जुटा रही है।

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