Earthquake: भूकंप ने पिघलाई तुर्किये-अर्मेनिया के बीच जमी बर्फ, 30 साल बाद खोली गईं दोनों देशों की सीमाएं

तुर्किये : तुर्किये इन दिनों विनाशकारी भूकंप के बाद फैली तबाही से गुजर रहा है। बीते सोमवार को यहां आया भूकंप अब तक 28 हजार से ज्यादा जानें ले चुका है। शहर के शहर तबाह हो गए हैं और अब तक राहत व बचाव कार्य जारी है। इस भूकंप ने तुर्किये के साथ कई देशों के रिश्तों पर जमी बर्फ को भी पिघलाने का काम किया है। कई ऐसे देश हैं, जिन्होंने तुर्किये के साथ अच्छे संबंध न होने के बावजूद मानवीय सहायता के लिए मदद का हाथ बढ़ाया है।

अर्मेनिया भी ऐसे ही देशों मे से एक है। बीते शनिवार को अर्मेनिया और तुर्किये के बीच सीमा द्वार को करीब 30 साल बाद खोला गया और मानवीय सहायता लेकर अर्मेनिया के ट्रक भूकं प्रभावित देश के लिए रवाना हुए। तुर्किये की समाचार एजेंसी अनादोलु की रिपोर्ट के मुताबिक, तीन दशकों में ऐसा पहली बार है, जब दोनों देशों ने अपनी सीमाओं को खोला है।

100 टन भोजन व राहत सामग्री लेकर पहुंचे ट्रक

तुर्किये के विशेष दूत सेरदार किलिक ने ट्वीट कर बताया, 100 टन भोजन, पानी समेत मानवीय सहायता लेकर पांच ट्रक अलीकन सीमा से तुर्किये पहुंचे हैं। इस बीच, अर्मेनिया गणराज्य की नेशनल असेंबली के उपाध्यक्ष रुबेन रुबिनियन ने भी कहा, मानवीय सहायता वाले ट्रक अर्मेनियाई-तुर्किये सीमा पार कर गए और भूकंप प्रभावित क्षेत्र के लिए अपने रास्ते पर हैं।

तुर्किये-अर्मेनिया के बीच दशकों से तनावपूर्ण हैं रिश्ते

एक रिपोर्ट के मुताबिक, अर्मेनियाई और तुर्की अजरबैजान के बीच जातीय संघर्ष के बाद से दोनों देशों के बीच सीमाएं 1993 से बंद हैं। कहा गया है कि 1990 के दशक के बाद से, दोनों देशों के बीच संबंध खराब हैं। अर्मेनिया के लोगों का कहना है कि प्रथम विश्व युद्ध के दौरान ओटोमन साम्राज्य में बड़ी संख्या में लोगों की हत्याएं हुई थीं। अर्मेनिया इसे नरसंहार मानता है। कहा जाता है कि इस दौरान करीब तीन लाख अर्मेनियाई लोगों का कत्ल कर दिया गया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button