वाशिगठन : अमेरिका और दक्षिण कोरिया के बीच 13 से 23 मार्च तक होने वाले सैन्य अभ्यास से उत्तर कोरिया का तानाशाह किम जोंग घबराया हुआ है। यही कारण है कि किम जोंग की सरकार ने इस मसले पर संयुक्त राष्ट्र संघ (यूएन) से इस सैन्य अभ्यास को रोकने के लिए मांग करनी शुरू कर दी है।
रविवार को उत्तर कोरिया के मीडिया में उप विदेश मंत्री किम सोन ग्योंग ने इसको लेकर बयान जारी किया। उन्होंने कहा कि अभ्यास और सहयोगियों की बयानबाजी ने उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के बीच तनाव को “बेहद खतरनाक स्तर” पर धकेल दिया है। इसलिए इसपर तुरंत रोक लगनी चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को अमेरिका और दक्षिण कोरिया से उनकी भड़काऊ टिप्पणियों और संयुक्त सैन्य अभ्यास को तुरंत रोकने के लिए दृढ़ता से आग्रह करना होगा।’
यह बयान सियोल और वाशिंगटन के अधिकारियों द्वारा शुक्रवार को 13 से 23 मार्च तक उभयचर लैंडिंग सहित 10 दिनों से अधिक बड़े पैमाने पर सैन्य अभ्यास की घोषणा के बाद आया है। अधिकारियों ने कहा है कि यह अभ्यास रक्षात्मक है और उत्तर कोरिया के बैलिस्टिक मिसाइल और परमाणु हथियार कार्यक्रमों से बढ़ते खतरों का मुकाबला करने के लिए आवश्यक है, जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों द्वारा प्रतिबंधित हैं।
तानाशाह के मंत्री ने दी चेतावनी
उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग के मंत्री किम सोन ग्योंग ने अमेरिका और दक्षिण कोरिया के बीच होने वाले सैन्य अभ्यास को लेकर धमकी भी दी है। किम ने कहा कि इस तरह की “गैर-जिम्मेदार हरकतें” क्षेत्रीय स्थिति को “बहुत ही महत्वपूर्ण और बेकाबू चरण” में ले जाएंगी। किम ने कहा कि यह खेदजनक है कि संयुक्त राष्ट्र अभ्यासों पर लगातार चुप रहा है, जिसमें “स्पष्ट आक्रामक प्रकृति” है। पिछले महीने किम ने एक बयान जारी कर कहा था कि संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस उत्तर कोरिया के मिसाइल परीक्षणों पर “बेहद अनुचित, असंतुलित” रहे हैं।