साय सरकार का बड़ा फैसला: ट्रांसफर बैन खत्म, कबीरधाम का नामकरण, युवा रत्न सम्मान योजना और कई बड़े फैसले

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में बुधवार को आयोजित साय कैबिनेट की 29वीं बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। सबसे बड़ा फैसला राज्य में स्थानांतरण नीति (ट्रांसफर पॉलिसी) को लेकर हुआ, जिसमें ट्रांसफर पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया गया है। इसके अलावा पंचायतों के नाम बदलने, किफायती भूखंड, तीरंदाजी अकादमी, कलाग्राम और युवा रत्न सम्मान योजना सहित कई अहम प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। आइए जानते हैं बैठक में लिए गए प्रमुख फैसले—

ट्रांसफर बैन खत्म, 6 से 13 जून तक आवेदन

साय सरकार ने वर्ष 2025 की स्थानांतरण नीति को स्वीकृति देते हुए सभी विभागों में ट्रांसफर पर लगे बैन को हटा दिया है। इसके तहत कर्मचारी 6 जून से 13 जून तक आवेदन कर सकेंगे। जिला स्तर पर ट्रांसफर 14 जून से 25 जून तक प्रभारी मंत्री की अनुमति से और राज्य स्तर पर विभागीय मंत्री की अनुमति से होंगे।

  • ट्रांसफर के लिए न्यूनतम दो वर्ष की सेवा अनिवार्य होगी।
  • गंभीर बीमारी, विकलांगता और सेवानिवृत्ति से एक वर्ष पूर्व वाले मामलों में विशेष छूट मिलेगी।
  • अनुसूचित क्षेत्रों से ट्रांसफर के लिए एवजीदार अनिवार्य होगा।
  • सुकमा, बीजापुर और नारायणपुर जैसे जिलों के खाली पद भरने पर विशेष जोर रहेगा।
  • तृतीय श्रेणी के अधिकतम 10% और चतुर्थ श्रेणी के अधिकतम 15% कर्मचारी ट्रांसफर किए जा सकेंगे।
  • परिवीक्षाधीन कर्मियों का ट्रांसफर नहीं होगा।
  • सभी ट्रांसफर आदेश ई-ऑफिस से जारी होंगे।
  • ट्रांसफर पर 25 जून के बाद पूर्ण प्रतिबंध रहेगा, केवल विशेष परिस्थिति में अनुमति से किया जा सकेगा।

दामाखेड़ा बना “कबीर धर्मनगर दामाखेड़ा”

बैठक में मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणा को अमल में लाते हुए बलौदाबाजार जिले के ग्राम पंचायत दामाखेड़ा का नाम बदलकर “कबीर धर्मनगर दामाखेड़ा” करने को मंजूरी दी गई। यह कदम संत कबीर की स्मृति और संस्कृति को सम्मान देने की दिशा में उठाया गया है।

दो ग्राम पंचायतों के नाम बदले

  • कवर्धा तहसील के ग्राम पंचायत गदहाभाठा का नाम बदलकर “सोनपुर” किया गया।
  • बोड़ला तहसील के ग्राम पंचायत चण्डालपुर का नाम अब “चन्दनपुर” होगा।

नवा रायपुर में बनेगा “कलाग्राम”

राज्य की कला और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए नवा रायपुर में 10 एकड़ भूमि पर कलाग्राम स्थापित करने को मंजूरी दी गई। यह केंद्र शिल्पकारों, लोक कलाकारों और कारीगरों को एक स्थायी मंच प्रदान करेगा।

राष्ट्रीय तीरंदाजी अकादमी को मिली मंजूरी

13.47 एकड़ भूमि पर राष्ट्रीय स्तर की तीरंदाजी अकादमी की स्थापना के प्रस्ताव को हरी झंडी दी गई है। इस अकादमी में इनडोर-आउटडोर रेंज, हॉस्टल और हाई परफॉर्मेंस सेंटर होगा।

सस्ते भूखंड के लिए “किफायती जन आवास नियम 2025” मंजूर

शहरों और कस्बों में निम्न व मध्यम वर्गीय लोगों को सस्ते भूखंड देने के लिए “छत्तीसगढ़ किफायती जन आवास नियम, 2025” को मंजूरी दी गई। इससे अवैध प्लाटिंग पर रोक लगेगी और रियल एस्टेट में निवेश बढ़ेगा।

“युवा रत्न सम्मान योजना” होगी शुरू

राज्य में युवा कल्याण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले युवाओं और संगठनों को हर साल “छत्तीसगढ़ युवा रत्न सम्मान” से सम्मानित किया जाएगा।

  • युवा को 2.50 लाख रुपए तक का पुरस्कार, पदक, शॉल और प्रमाण पत्र मिलेगा।
  • संस्था को अधिकतम 5 लाख रुपए दिए जाएंगे।
  • अन्य क्षेत्रों जैसे शिक्षा, नवाचार, पर्यावरण, महिला सशक्तिकरण आदि में भी पुरस्कार दिए जाएंगे।
  • केवल 15 से 29 वर्ष तक के मूल निवासी पात्र होंगे।

प्रशिक्षकों की भर्ती शर्तों में राहत

खेल एवं युवा कल्याण विभाग में प्रशिक्षक (कोच) के पदों पर भर्ती के लिए राष्ट्रीय क्रीड़ा संस्थान पटियाला से डिप्लोमा की अनिवार्यता एक वित्तीय वर्ष के लिए शिथिल की गई है।

“छत्तीसगढ़ होमस्टे नीति 2025-30” को मंजूरी

ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए “छत्तीसगढ़ होमस्टे नीति 2025-30” का अनुमोदन किया गया है। इससे बस्तर और सरगुजा जैसे क्षेत्रों में पर्यटकों को स्थानीय संस्कृति और जीवनशैली का अनुभव मिलेगा और गांवों के युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे।

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