CG Bharatmala Project Scam : EOW ने की बड़ी कार्रवाई, 4 अधिकारी गिरफ्तार, 220 करोड़ की गड़बड़ी का शक

CG Bharatmala Project Scam / रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में भारतमाला परियोजना में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ है। आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने इस मामले में शनिवार को 4 अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया। एक दिन पहले, शुक्रवार 26 अप्रैल को EOW ने राज्य के विभिन्न जिलों में 16 स्थानों पर छापेमारी कर महत्वपूर्ण दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए थे।
SDM, तहसीलदार, पटवारी समेत कई अधिकारियों के ठिकानों पर छापे
EOW ने नया रायपुर, अभनपुर, दुर्ग-भिलाई, आरंग, बिलासपुर सहित कई जिलों में SDM, तहसीलदार, पटवारी और RI सहित राजस्व विभाग के 16 अधिकारियों के ठिकानों पर कार्रवाई की। जब्त दस्तावेज और उपकरण जांच में अहम भूमिका निभाएंगे। गिरफ्तार अधिकारियों से पूछताछ जारी है।
इन ठिकानों पर हुई रेड:
- अमरजीत सिंह गिल (ठेकेदार, दुर्ग)
- हरजीत सिंह खनूजा (ठेकेदार, रायपुर)
- जितेंद्र कुमार साहू (पटवारी, अभनपुर)
- दिनेश कुमार साहू (पटवारी, माना बस्ती, रायपुर)
- निर्भय कुमार साहू (SDM, अटलनगर व नरहरपुर)
- हरमीत सिंह खनूजा (ठेकेदार, महासमुंद)
- योगेश कुमार देवांगन (जमीन दलाल, रायपुर)
- रोशन लाल वर्मा (RI, रायपुर)
- विजय जैन (कारोबारी, रायपुर)
- अन्य अधिकारी और कारोबारी भी जांच के घेरे में हैं।
1-1 जमीन पर 6-6 नाम से निकाले मुआवजे, करोड़ों का घोटाला
आरोप है कि भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत अधिग्रहित जमीनों पर फर्जी तरीके से 6-6 लोगों के नाम जोड़कर करोड़ों रुपए के मुआवजे का गबन किया गया।
भ्रष्टाचार का आंकड़ा 220 करोड़ तक पहुंचा
शुरुआती जांच में 43 करोड़ रुपए के गबन का खुलासा हुआ था, लेकिन विस्तृत जांच में यह आंकड़ा 220 करोड़ रुपए से अधिक तक पहुंच गया। EOW को अब तक 164 करोड़ रुपए के संदिग्ध लेन-देन के दस्तावेज भी मिले हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने प्रधानमंत्री कार्यालय और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को पत्र लिखकर CBI जांच की मांग की है।
भारतमाला प्रोजेक्ट और भूमि अधिग्रहण विवाद
भारतमाला परियोजना के तहत रायपुर से विशाखापत्तनम तक 950 किलोमीटर लंबी फोरलेन और सिक्स लेन सड़क का निर्माण हो रहा है। इसके लिए किसानों की जमीन अधिग्रहित की गई थी। भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के तहत किसानों को उनकी ज़मीन की कीमत के साथ ही ‘सोलेशियम’ राशि भी मिलनी थी, लेकिन भ्रष्टाचार के चलते कई किसानों को अभी तक मुआवजा नहीं मिला।
EOW ने तेज की जांच, कई और गिरफ्तारियां संभव
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस घोटाले की जांच EOW को सौंपी गई थी। अब एजेंसी ने अपनी जांच तेज कर दी है और आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां संभव हैं।